चंडीगढ़, 9 दिसम्बर : पंजाब सरकार राजस्व विभाग में पारदर्शिता लाने के लिए तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों और सब-रजिस्ट्रारों के दूर-दराज़ इलाकों में तबादले कर रही है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और फ़ाइनेंस कमिश्नर रेवेन्यू अनुराग वर्मा ने भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसी मुहिम के दौरान अमृतसर के नंगली पटवार सर्कल में एक अलग ही मामला सामने आया है। नव-नियुक्त डिप्टी कमिश्नर दलविंदरजीत सिंह ने प्रबंधकीय कारणों के चलते पिछले सप्ताह पाँच पटवारियों का तबादला किया था, जिनमें पटवारी अमित बहेले का नाम भी शामिल था।
पटवारी द्वारा डीसी के आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती
अमित बहेले ने तबादला आदेश का पालन करने की बजाय पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर डीसी के निर्णय को चुनौती दे दी। अदालत ने अभी तक कोई स्थगन (स्टे) नहीं दिया है, परंतु सरकारी वकील की दलीलें सुनने के बाद अगली सुनवाई 18 दिसंबर के लिए तय कर दी है।
सरकारी दफ्तरों में चर्चा का विषय
यह मामला इसलिए भी खास है क्योंकि आम आदमी पार्टी सरकार के वर्तमान कार्यकाल में किसी भी राजस्व अधिकारी या पटवारी द्वारा अपने ही डीसी के आदेशों के खिलाफ कोर्ट जाने का यह पहला मामला माना जा रहा है। एफ.सी.आर. दफ्तर से लेकर डीसी कार्यालय तक इस पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। अब 18 दिसंबर को होने वाली सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं। अदालत इस मामले में क्या रुख अपनाती है, यह राजस्व विभाग से लेकर जिला प्रशासन तक सभी के लिए अहम होगा।
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