December 9, 2025

यूनिवर्सिटी अथॉरटी के गले की फांस बना पी.यू पटियाला फर्जी बिल घोटाला

यूनिवर्सिटी अथॉरटी के गले की फांस बना...

पटियाला, 9 दिसम्बर : पंजाबी यूनिवर्सिटी में करोड़ों रुपये के रिसर्च स्कॉलर फर्जी बिल घोटाला यूनिवर्सिटी प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इस मामले की जांच रिपोर्ट में जूनियर कर्मचारियों से लेकर सीनियर अधिकारियों के नाम भी सामने आए हैं। यूनिवर्सिटी ने जूनियर अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है, लेकिन कुछ बड़े नाम अभी भी छिपे हुए हैं।

जांच रिपोर्ट के आधार पर, कार्रवाई में देरी और बड़े नामों को बचाने की लिखित शिकायत अब राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान तक पहुँच गई है। उधर, पंजाबी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने इस मामले में जल्द ही सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

यह शिकायत मुख्यमंत्री को भेजी गई

मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत में कहा गया है कि करोड़ों रुपये के फर्जी बिल घोटाले पर विश्वविद्यालय की आंतरिक जांच समिति ने जून 2025 में अपनी रिपोर्ट मौजूदा कुलपति को सौंप दी थी। नियमों के अनुसार, इस पर कार्रवाई करना उनकी प्राथमिक कानूनी जिम्मेदारी है, लेकिन कई महीने बीत जाने के बावजूद कार्रवाई सुस्त पड़ी है। यह देरी विश्वविद्यालय प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाती है।

शिकायतकर्ता के अनुसार, जहां पंजाब सरकार राज्य भर में भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपना रही है, वहीं पंजाबी विश्वविद्यालय इस प्रतिबद्धता के खिलाफ जा रहा है। यह हैरानी की बात है कि बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं की एक रिपोर्ट पर कार्रवाई करने के बजाय मामले को दबाया जा रहा है।

जांच कमेटी की रिपोर्ट की सीधे उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए

शिकायत में उल्लेख किया गया है कि इसी घोटाले में कई कनिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित या बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि जांच रिपोर्ट में शामिल एक प्रमुख आरोपी अभी भी कानूनी कार्रवाई से बच रहा है या उसे जानबूझकर बचाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री मान से मांग की गई है कि जून 2025 में सौंपी गई जांच कमेटी की रिपोर्ट की सीधे उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए। साथ ही इस रिपोर्ट पर कार्रवाई में देरी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भी जांच की मांग की गई है।

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