नई दिल्ली, 5 जून : लोकसभा में विपक्षी कांग्रेस ने गुरुवार को 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधक समिति के उपाध्यक्ष के रूप में पाकिस्तान के नामांकन को अस्वीकार्य बताया। 1988 की मुख्य आतंकवाद निरोधक समिति के उपाध्यक्ष के रूप में पाकिस्तान को नियुक्त किए जाने के एक दिन बाद, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने इस घटनाक्रम को गलत सूचना बताया। यह समिति आतंकवादी संगठनों और उनके नेताओं पर संपत्ति जब्त करने, हथियार प्रतिबंध लगाने और यात्रा प्रतिबंध लगाती है।
कांग्रेस ने कहा ये न भूलें आतंकी लादेन पाकिस्तान में मिला था
खडग़े ने कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भारत के इस मामले में दम दिखना चाहिए कि पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस शामिल किया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में भारत के कूटनीतिक प्रयासों के बाद पाकिस्तान को पहली बार 2008 में एफएटीएफ की ग्रे सूची में शामिल किया गया था और फिर 2012 और 2018 में भी इसे शामिल किया गया।
खडग़े ने कहा, ‘पाकिस्तान को उसके पापों के लिए जवाबदेह बनाना न केवल भारत के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हित में भी जरूरी है।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘यह याद रखने योग्य है कि 9/11 के लिए जिम्मेदार सर्वाधिक वांटेड आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में मिला और मार गिराया गया। 9/11 का मुख्य साजिशकर्ता खालिद शेख मोहम्मद (केएसएम) भी पाकिस्तानी था।’
ऐजेंसियों द्वारा फंडिग भी रुके
उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस सरकार से आग्रह करती है कि वह वैश्विक स्तर पर भारत और पाकिस्तान के बीच की खाई को पाटने के लिए उचित और ठोस कूटनीतिक कदम उठाए। भारत ने आईएमएफ और एडीबी सहित शीर्ष वैश्विक वित्तीय एजेंसियों द्वारा पाकिस्तान को ऋण दिए जाने का विरोध किया है। भारत पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस लाने के लिए एक डोजियर भी जमा करने की तैयारी कर रहा है। एफएटीएफ की बैठक इसी महीने होने वाली है।
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