चंडीगढ़, 12 दिसम्बर : पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने बंगा विधायक सुखविंदर सिंह सुखी की सदस्यता रद्द करने की याचिका का निपटारा कर दिया है। सुखविंदर सिंह सुखी ने शिरोमणि अकाली दल छोड़कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली थी। उच्च न्यायालय ने कहा कि हमें विश्वास है कि पंजाब विधानसभा अध्यक्ष इस मामले में जल्द ही आवश्यक आदेश जारी करेंगे। न्यायालय ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसे मामलों में स्थिति स्पष्ट कर दी है कि शिकायत पर तीन महीने के भीतर निर्णय लेना अनिवार्य है।
सुखी की सदस्यता रद्द करने का अनुरोध
उच्च न्यायालय में दायर याचिका में हर चंद अरोरा ने कहा कि सुखी को जनता ने श्रोदा के टिकट पर चुना था, लेकिन वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गईं और उन पर दलबदल कानून लागू होता है। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए था। याचिकाकर्ता ने याचिका के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष से सुखी की सदस्यता रद्द करने का अनुरोध किया था, लेकिन अध्यक्ष ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसलिए याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
अरोरा ने कहा था कि पंजाब विधानसभा के नियमों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति विधानसभा सदस्य के रूप में बने रहने के लिए अयोग्यता की मांग करते हुए पंजाब विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका दायर कर सकता है। इसी आधार पर उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने याचिका का निपटारा करते हुए अध्यक्ष को याचिका पर निर्णय लेने का आदेश दिया।

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