चंडीगढ़, 26 दिसम्बर : पंजाब की सभी राजनीतिक पार्टियों ने 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। वहीं, भाजपा पंजाब में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए एक अलग रणनीति पर काम कर रही है। भाजपा हरियाणा सरकार की मदद से पंजाबियों को लुभाने की कोशिश कर रही है। यही वजह है कि हरियाणा सरकार ने पिछले कुछ दिनों में पंजाबियों के लिए कई फैसले लिए हैं, जिनका असर पंजाब की राजनीति पर पड़ सकता है।
हरियाणा मॉडल से पंजाबियों को लुभाने की कोशिश
वहीं दूसरी ओर, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पंजाब दौरे बढ़ गए हैं। आज भी हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब में चार साहिबजादों को श्रद्धांजलि अर्पित की। गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने हाल ही में दिल्ली सिख हत्याकांड के 121 पीड़ित परिवारों के सदस्यों को रोजगार देने का फैसला किया था। इसके साथ ही, हरियाणा सरकार ने गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहादत दिवस के अवसर पर कुरुक्षेत्र में एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष रूप से शामिल हुए।
महिलाओं को विशेष लाभ देने की रणनीति
इसके बाद हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में गुरु तेग बहादुर के शहादत दिवस के उपलक्ष्य में धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया और चर्चा हुई। भाजपा विशेष रूप से महिलाओं को आकर्षित कर रही है। यही कारण है कि हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने के बाद भाजपा ने पहले ही वर्ष में महिलाओं को 2100 रुपये प्रति माह देना शुरू कर दिया है, जबकि पंजाब में आम आदमी सरकार अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में 1000 रुपये प्रति माह भी नहीं दे पाई।
अतीत में, पंजाब विश्वविद्यालय के मुद्दे पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पंजाबियों की नाराजगी देखकर कई फैसले तुरंत वापस ले लिए। इसी बीच, चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा की अलग विधानसभा बनाने की परियोजना पर भी रोक लगा दी गई।
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