जम्मू,7 जून: नागपुर की रहने वाली सुनीता जामगड़े पिछले महीने कारगिल से लापता हो गई थी। वह घुसपैठ करके जम्मू-कश्मीर में दाखिल हुई थी। सेना और सुरक्षा एजेंसियों की काफी तलाश के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिला। 23 मई को पाकिस्तानी रेंजर्स ने अमृतसर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से उसे वापस भेजकर सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया।
महिला पर जासूसी का संदेह है। अब लद्दाख पुलिस उससे पूछताछ करेगी। कारगिल से एक पुलिस टीम प्रोडक्शन वारंट लेकर मंगलवार को नागपुर के कपिल नगर थाने पहुंची। अब सुनीता की ट्रांजिट कस्टडी लेने की कार्रवाई की जा रही है।पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे मानसिक रूप से बीमार घोषित कर दिया था और उसे वापस भेज दिया था।
LOC पार कर POK तक पहुंच गए
लद्दाख पुलिस मामले की सक्रियता से जांच कर रही है। महिला ने शुरू में दावा किया था कि वह व्यापार के अवसरों के लिए पाकिस्तान गई थी। बाद में, पुलिस ने स्वीकार किया कि उसकी असली पहचान गुप्त रखी गई थी। उसने नियंत्रण रेखा पार करने के लिए मोबाइल नेविगेशन ऐप, गूगल मैप्स का इस्तेमाल किया था।
महिला नौ दिन बाद वापस लौटी।
नौ दिन बाद 23 मई को पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया। बाद में महिला ने पुलिस के सामने कबूल किया कि वह जुल्फिकार से मिलने के लिए नदी पार करके आई थी।
पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम के अनुसार, जांचकर्ताओं ने उसके फोन से कई चैट बरामद की हैं। वह जुल्फिकार समेत तीन लोगों के संपर्क में था।

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