October 17, 2025

सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के हजारों शिक्षकों को 7 महीने से वेतन नहीं मिला

सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के हजारों...

पटियाला, 16 अक्तूबर : पंजाब के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के हजारों शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को पिछले 7 महीनों से वेतन नहीं मिला है। जिसके चलते इन स्कूलों के कर्मचारियों ने गूंगी और बहरी सरकार के खिलाफ 18 अक्तूबर को तरनतारन में विरोध प्रदर्शन कर काली दिवाली मनाने का ऐलान किया है।

इस संबंध में पंजाब राज्य सरकारी सहायता प्राप्त शिक्षक एवं अन्य कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरमीत सिंह मदनीपुर और प्रदेश सचिव शरणजीत सिंह कादीमाजरा ने कहा कि शिक्षा और वित्त विभाग के अधिकारियों और मंत्रियों के साथ बार-बार बैठकों के बावजूद इन स्कूलों में कार्यरत हजारों शिक्षकों और कर्मचारियों को मार्च 2025 के बाद वेतन की ग्रांट को जारी नहीं किया गया है।

ऑडिट के नाम पर वेतन लंबे समय से रोका हुआ है

उन्होंने कहा कि सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रबंधन के ऑडिट के नाम पर कर्मचारियों का वेतन लंबे समय से रोका हुआ है। जबकि विभाग के पास ऑडिट करने के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं है। शिक्षा विभाग में अनुभाग अधिकारियों की कमी का खामियाजा सहायता प्राप्त स्कूलों के अध्यापकों को भुगतना पड़ रहा है। यूनियन नेताओं ने कहा कि 1967 के बाद यह पहली बार है कि राज्य सरकार ने प्रबंधन समितियों के ऑडिट के बहाने कर्मचारियों का अनुदान रोक दिया है।

सरकार स्कूलों को बंद करने की साजिश कर रही

उन्होंने कहा कि सरकार सहायता प्राप्त स्कूलों को बंद करने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि दशहरा और दिवाली जैसे त्यौहार भी बिना वेतन के बीत रहे हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय से वेतन न मिलने से कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है, लेकिन शिक्षा क्रांति का दावा करने वाली सरकार अध्यापकों का वेतन देने से भी कतरा रही है। उन्होंने कहा कि संगठन से लेकर मंत्रियों और अधिकारियों तक बार-बार आग्रह करने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया गया और विलाप के अलावा कुछ नहीं किया गया।

मदनीपुर ने कहा कि वेतन न देना अमानवीय व्यवहार से कम नहीं है जो शिक्षित वर्ग पर सरासर कुठाराघात है। इस अवसर पर उन्होंने मानवाधिकार आयोग से वेतन अनुदान में गड़बड़ी न करने की जिम्मेदारी तय करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि सहायता प्राप्त स्कूलों में 1.76 लाख विद्यार्थियों को पढ़ाने वाले अध्यापक दिवाली जैसे पवित्र त्यौहार पर भी भूखे पेट रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि अध्यापक वर्ग अब तरनतारन उपचुनाव में अपना गुस्सा निकालने को मजबूर हो गया है। जिसकी ज़िम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी।

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