नई दिल्ली/वाशिंगटन, 6 अगस्त : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर टैरिफ लगाने के मामले में और सख्त होते जा रहे हैं। व्यापार तनाव बढ़ाते हुए उन्होंने हाल ही में दवाओं के आयात पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की। ट्रंप ने कहा, “हम दवाओं पर एक छोटा सा टैक्स लगाएँगे। लेकिन एक साल में यह बढ़कर 150% और फिर 250% हो जाएगा। इसका मकसद घरेलू उत्पादन बढ़ाना है। हम चाहते हैं कि दवाइयाँ सिर्फ़ अमेरिका में ही बनें।” उन्होंने सेमीकंडक्टर और चिप्स पर भी नया टैक्स लगाने के संकेत दिए हैं।
ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर भारत रूस के साथ तेल व्यापार जारी रखता है, तो भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ में भारी वृद्धि हो सकती है। ट्रंप ने ये बातें सीएनबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहीं। इस फैसले का दुनिया भर के देशों पर असर पड़ने की संभावना है। खासकर भारत पर इसका नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है।
राजनीतिज्ञ जॉन मियईहाइमर ने दी चेतावनी
इस बीच, अमेरिकी राजनीतिशास्त्री जॉन मियर्सहाइमर ने चेतावनी दी है। उनका कहना है कि करीबी सहयोगियों पर टैरिफ लगाने से वे चीन की ओर रुख कर सकते हैं। इनमें जापान और दक्षिण कोरिया भी शामिल हैं। इससे अमेरिका के लिए चीन पर नियंत्रण रखना और भी मुश्किल हो जाएगा। पूर्व अमेरिकी अधिकारी इवान ए. फेगेनबाम ने भी ट्रंप के फैसलों को भारत और अमेरिका के 25 साल पुराने रिश्तों के लिए ‘विनाशकारी’ बताया है।
ट्रंप का मकसद है कि अमेरिका विदेशी सप्लाई चेन पर निर्भर न रहे। भारत को लेकर ट्रंप ने कहा है कि वह रूस से सस्ता तेल खरीदकर अपनी युद्ध मशीन को ईंधन दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘वे (भारत) युद्ध मशीन को ईंधन दे रहे हैं। अगर वे ऐसा करते हैं, तो मुझे खुशी नहीं होगी। भारत के टैक्स बहुत ज्यादा हैं। हम अगले 24 घंटे में इसे 25 फीसदी से ज्यादा बढ़ा देंगे।’ भारत के विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका और यूरोपीय संघ भारत को गलत तरीके से निशाना बना रहे हैं। जबकि वे खुद भी रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि रूस के साथ व्यापार करना गैरकानूनी नहीं है। भारत यूरोपीय संघ जैसे किसी भी क्षेत्र द्वारा लगाए गए एकतरफा प्रतिबंधों को स्वीकार नहीं करता है।
यहाँ आपको बता दें कि भारत अपने ज़्यादातर दवा उत्पाद, खासकर जेनेरिक दवाएँ, अमेरिका को निर्यात करता है। यह भारत के कुल दवा निर्यात का 31% से भी ज़्यादा है। वित्त वर्ष 2024 में भारत का अमेरिका को दवा निर्यात 8.73 अरब डॉलर का था। अगर ट्रंप इस क्षेत्र पर टैरिफ लगाने को अंतिम रूप देते हैं, तो भारत अपने निर्यात का एक बड़ा हिस्सा खो सकता है।
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