तेहरान, 28 जून : परमाणु मुद्दे पर अमेरिका के साथ ईरान की वार्ता फिर से शुरू होना बहुत पेचीदा है। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका ने ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमला करके स्थिति को और बिगाड़ दिया है। इससे दोनों देशों के बीच समझौते की संभावना को गंभीर नुकसान पहुंचा है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने यह बात कही है। मालूम हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ईरान के साथ परमाणु मुद्दे पर अगले हफ्ते वार्ता फिर से शुरू करने के बारे में बयान दिया है।
ट्रम्प का बातचीत का प्रस्ताव ईरान द्वारा खारिज
ईरानी सरकारी टेलीविजन को दिए साक्षात्कार में अराघची ने परमाणु मुद्दे पर अमेरिका के साथ वार्ता फिर से शुरू करने की संभावना से इनकार किया, बल्कि इसके जल्द शुरू होने से भी इनकार किया। उन्होंने साफ कहा, वार्ता फिर से शुरू करने को लेकर हमारे (ईरान और अमेरिका) बीच कोई समझौता नहीं है। वार्ता के लिए न तो समय तय किया गया है, न ही कोई वादा किया गया है और न ही यह कहा गया है कि वार्ता फिर से शुरू होगी।
इस मामले में अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप ने स्थिति को बहुत जटिल और बहुत कठिन बना दिया है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए तेहरान और ईरान के अन्य शहरों में लोगों की बड़ी भीड़ उमड़ी। इस बीच, इमामों ने सुप्रीम लीडर अली खामेनेई द्वारा गुरुवार को अपने संदेश में किए गए इजरायल पर जीत के दावे को दोहराया।
जासूसी के आरोप में दर्जनों लोग जेल भेजे
इस बीच, ईरान के उप मुख्य न्यायाधीश मौलवी हमज़ेह खलीली ने कहा, ‘अदालतें इजरायल के लिए जासूसी करने वालों के साथ अलग तरह से पेश आएंगी।’ इजरायल के साथ 12 दिनों के युद्ध के दौरान ईरान ने दुश्मन देश के लिए जासूसी करने के आरोप में अपने कई नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया था। इस आरोप में कई लोग अभी भी जेल में बंद हैं।
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