वाशिंगटन, 5 जून : भारत-पाकिस्तान सैन्य गतिरोध को खत्म करने के लिए मध्यस्थता करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बार-बार दावों के बीच, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत अमेरिकी राष्ट्रपति का बहुत सम्मान करता है लेकिन ‘नई दिल्ली ने कभी किसी से मध्यस्थता करने के लिए नहीं कहा’।
ऑपरेशन सिंदूर के बारे में उन्हें जानकारी देने के लिए आए सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के नेता थरूर ने अमेरिकी सरकार के अधिकारियों और सांसदों के साथ बैठकों के दौर के बाद नेशनल प्रेस क्लब में संवाददाताओं से कहा, मैं बस इतना कह सकता हूं कि हम अमेरिकी राष्ट्रपति का बहुत सम्मान करते हैं। हम अपने लिए बस इतना ही कह सकते हैं कि हम कभी किसी से मध्यस्थता करने के लिए नहीं कहना चाहते थे।
तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं
थरूर ने जोर देकर कहा कि भारत को पाकिस्तानियों की भाषा बोलने में कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा, जब तक वे आतंक की भाषा का इस्तेमाल करते रहेंगे, हम सत्ता की भाषा का इस्तेमाल करेंगे। इसके लिए किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है। सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में सरफराज अहमद, गंटी हरीश मधुर बालयोगी, शशांक मणि त्रिपाठी, भुवनेश्वर कलिता, मिलिंद देवड़ा, तेजस्वी सूर्या और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत संधू शामिल हैं।
यह प्रतिनिधिमंडल 24 मई को भारत से न्यूयॉर्क पहुंचा और वाशिंगटन पहुंचने से पहले गुयाना, पनामा, कोलंबिया और ब्राजील का दौरा कर चुका है।
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