नई दिल्ली, 16 मई : भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के खिलाफ अपनी स्थिति को और मजबूत करने की योजना बनाई है। नरेंद्र मोदी सरकार ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमलों और ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में जानकारी साझा करने के लिए विभिन्न देशों की राजधानियों में सांसदों के प्रतिनिधिमंडल भेजने का विचार किया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य सीमा पार से होने वाले आतंकवाद के खिलाफ भारत के दावे को मजबूती प्रदान करना है, साथ ही हाल में की गई कार्रवाइयों के माध्यम से आतंकवादी शिविरों के खिलाफ उठाए गए कदमों की जानकारी देना भी है।
इस प्रकार, भारत वैश्विक समुदाय के समक्ष अपनी चिंताओं को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहा है, ताकि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता को बढ़ावा मिल सके।
कश्मीर को लेकर दुष्प्रचार पर रोक
ऐसा माना जा रहा है कि विभिन्न दलों के सांसदों वाले प्रतिनिधिमंडल को निकट भविष्य में दुनिया के विभिन्न महाद्वीपों की राजधानियों में भेजा जा सकता है, ताकि कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान के प्रयासों के बीच मेजबानों को भारतीय दृष्टिकोण से अवगत कराया जा सके।यह भी पता चला है कि भारत के द्विपक्षीय दृष्टिकोण के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने के प्रयासों ने भी इस कदम को प्रेरित किया है।
तैयारी में जुटा विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय अन्य मंत्रालयों और विभागों के साथ मिलकर सांसदों के लिए बातचीत के बिंदु तैयार कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि विभिन्न देशों में भारतीय राजनयिक मिशन भी प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे। यह पहली बार होगा जब नरेन्द्र मोदी सरकार कश्मीर और पाकिस्तान से उत्पन्न सीमापार आतंकवाद पर भारत का पक्ष रखने के लिए विभिन्न दलों के सांसदों को नियुक्त करेगी।

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