नई दिल्ली, 22 जुलाई: अमेरिका से तीन अपाचे हेलीकॉप्टर भारत पहुँच गए हैं। इन हेलीकॉप्टरों को पाकिस्तान से लगी सीमा पर तैनात किया जाना है। ‘हवा में टैंक’ कहे जाने वाले AH-64E उन्नत लड़ाकू हेलीकॉप्टर हैं, जो भारतीय सेना की ताकत बढ़ाएँगे। जिन लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का भारतीय सेना को लंबे समय से इंतज़ार था, उनकी पहली खेप भारत पहुँच गई है।
अमेरिका से तीन अपाचे हेलीकॉप्टर भारत पहुँच गए हैं। इन हेलीकॉप्टरों को पाकिस्तान से लगी सीमा (भारत-पाकिस्तान सीमा) पर तैनात किया जाना है। ‘हवा में टैंक’ कहे जाने वाले AH-64E उन्नत लड़ाकू हेलीकॉप्टर हैं, जो भारतीय सेना की ताकत बढ़ाएँगे। भारतीय सेना इन अत्याधुनिक हेलीकॉप्टरों को पश्चिमी मोर्चे पर जोधपुर में तैनात करेगी। इस तैनाती से क्षेत्र में सेना की आक्रमण क्षमता बढ़ने की उम्मीद है।
आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही अपाचे हेलीकॉप्टर हैं, और अब भारतीय सेना के पास भी अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर होंगे। सेना की पहली अपाचे स्क्वाड्रन का गठन 15 महीने से भी ज़्यादा समय पहले राजस्थान के जोधपुर में हुआ था। आपको बता दें कि भारतीय वायु सेना की दो स्क्वाड्रन (एक पठानकोट और दूसरी जोरहाट में) पहले से ही सक्रिय हैं।
अमेरिका के साथ एक बड़े सौदे का नतीजा इससे पहले, भारतीय वायु सेना ने अमेरिकी सरकार और बोइंग के साथ एक समझौते के तहत 22 अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदे थे। अमेरिका ने जुलाई 2020 तक भारतीय वायु सेना को सभी 22 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति पूरी कर ली थी। उसी वर्ष बाद में, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (अपने पहले कार्यकाल के दौरान) भारत आए, तो भारत ने छह अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदने के समझौते पर हस्ताक्षर किए।
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