जालंधर, 25 अप्रैल: गधे किराये पर लेकर लोगों को विदेश भेजने वाले एजेंटों के गिरोह की जड़ें जालंधर में हैं। कई वर्षों से इस धंधे में करीब आधा दर्जन एजेंट संलिप्त हैं, जिनके पास न तो कोई कार्यालय है और न ही लाइसेंस, लेकिन फिर भी उक्त एजेंट विदेश भेजने के बहाने लोगों को गधे के रास्ते भेजते हैं। देश छोड़ने के बाद इन्हीं एजेंटों के गधे उन्हें जंगलों में ले जाते हैं और बंधक बनाकर अधिक पैसे की मांग करते हैं। जब मामला बंधकों के परिवारों तक पहुंचता है, तो एजेंट घटनास्थल पर पहुंचते हैं और मांगी गई राशि को कम करके, अपहरणकर्ताओं के साथ मिलकर लोगों को मुक्त करने का प्रबंध करते हैं, जबकि एजेंटों को उस राशि का आधा हिस्सा मिलता है।
वे किसी उच्च पदस्थ अधिकारी के विशेष दलाल के रूप में काम करते हैं और यदि एजेंसी के काम पर कोई पुलिस कार्रवाई होती है, तो वे उस उच्च पदस्थ अधिकारी के यहां शरण लेकर बच निकलते हैं। हैरानी की बात यह है कि पुलिस की नजर में बेहतर दलाल बनने के लिए ये एजेंट पहले ड्रग तस्करों से दोस्ती करते हैं और फिर उन्हें फंसाकर सौंपने के लिए जाल बिछाते हैं।
एजेंट के खिलाफ भी मामला दर्ज किया
हालांकि, जालंधर पुलिस ने एक कथित एजेंट के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है, जिसके बाद वह जालंधर से अपना सामान समेट कर इधर-उधर घूमकर काम करने लगा है। एजेंट इतने शातिर हैं कि उन्होंने कई राजनेताओं से दोस्ती कर रखी है, जो भविष्य में राजनेताओं के लिए भारी पड़ सकता है, क्योंकि दिल्ली से पुलिस की कोई टीम कभी भी जालंधर में छापा मारकर इन एजेंटों का पर्दाफाश कर सकती है।
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