हनोई, 15 अप्रैल : अर्थशास्त्रीयों के एक धड़े का विचार है कि ट्रम्प द्वारा शुरु किए गए टैरिफ युद्ध में अमेरिका पर चाईना भारी पड़ सकता है। जिक्रयोग है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस सप्ताह दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की यात्रा पर हैं, जिसमें उनका पहला पड़ाव वियतनाम रहा। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने विभिन्न देशों पर भारी टैरिफ लगाकर वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल मचा दी है।
हालांकि ट्रम्प ने कुछ देशों पर लगाए गए टैरिफ को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है, लेकिन चीन को इससे कोई विशेष राहत नहीं मिली है। वर्तमान में, ट्रम्प ने चीन पर 145 प्रतिशत तक का भारी टैरिफ लागू कर रखा है, जो कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती है।
जिनपिंग ने कहा लड़ाई से किसी को कुछ हासिल नहीं होगा
शी जिनपिंग ने वियतनाम और चीन के सरकारी मीडिया में एक संयुक्त संपादकीय में व्यापार युद्ध और टैरिफ युद्ध के परिणामों पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे संघर्षों में कोई भी पक्ष विजयी नहीं होता। उनका यह बयान इस बात का संकेत है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और संवाद की आवश्यकता है, ताकि वे वैश्विक व्यापार में स्थिरता और संतुलन बनाए रख सकें। जिनपिंग ने यह भी कहा कि दोनों देशों को बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए, जिससे कि वैश्विक औद्योगिक और आपूर्ति श्रृंखलाओं में स्थिरता बनी रहे।
क्षेत्रीय स्थिरता और विकास महत्तवपूर्ण
इस यात्रा के दौरान, शी जिनपिंग ने वियतनाम के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि खुले और सहयोगी अंतरराष्ट्रीय व्यापार के माध्यम से ही दोनों देशों के बीच आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है। यह यात्रा न केवल चीन और वियतनाम के बीच संबंधों को प्रगाढ़ बनाने का एक अवसर है, बल्कि यह क्षेत्रीय स्थिरता और विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। जिनपिंग की यह पहल इस बात का संकेत है कि चीन दक्षिण पूर्व एशिया में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है।
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