सिंगापुर, हांगकांग, थाईलैंड और चीन जैसे प्रमुख एशियाई देशों में कोविड-19 मामलों में नई वृद्धि के कारण क्षेत्रीय स्वास्थ्य अलर्ट जारी कर दिया गया है और अधिकारियों ने नागरिकों से सतर्क रहने का आग्रह किया है। इस अचानक वृद्धि को अत्यधिक संक्रामक JN.1 वैरिएंट से जोड़ा गया है, जो कि ओमिक्रॉन का एक उप-वैरिएंट है, हालांकि अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह वैरिएंट अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनता है। जेएन.1 वैरिएंट और एलएफ.7 तथा एनबी.1.8 जैसे समरूप वैरिएंट के प्रसार की वर्तमान लहर, सभी ओमिक्रॉन परिवार के अंतर्गत आते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जेएन.1 को नामित किया है जिसका अर्थ है कड़ी निगरानी लेकिन सतर्क नहीं। रोग प्रतिरोधक क्षमता, त्योहारों के बाद होने वाली पार्टियाँ और गतिशीलता में वृद्धि जैसे कारक भी इस वृद्धि के कारण हैं।
भारत निगरानी कर रहा है, अभी तक कोई प्रकोप नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या में मामूली वृद्धि देखी गई है, अब तक देश भर में 257 सक्रिय मामले हैं।
यद्यपि अभी तक किसी प्रकोप की सूचना नहीं मिली है, फिर भी निगरानी बढ़ा दी गई है, विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर।
क्या भारतीय यात्रियों को चिंतित होना चाहिए?
भारत सरकार या किसी भी प्रभावित देश द्वारा अभी तक कोई आधिकारिक यात्रा सलाह या प्रतिबंध जारी नहीं किया गया है।
लेकिन वृद्ध लोगों, बच्चों और कैंसर, मधुमेह या हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को इन देशों में जाने से बचने की सलाह दी जाती है।
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