November 20, 2025

दिल्ली HC ने केंद्र सरकार को दिया झटका; याचिका खारिज

दिल्ली HC ने केंद्र सरकार को...

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर : दिल्ली हाईकोर्ट ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े की पदोन्नति से जुड़े एक मामले में केंद्र सरकार पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण तथ्य छिपाए।

न्यायमूर्ति नवीन चावला की अध्यक्षता वाली पीठ ने वानखेड़े को पदोन्नत करने के केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के आदेश की समीक्षा की मांग वाली केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया कि समीर वानखेड़े सीबीआई और ईडी की जांच के घेरे में हैं और उन पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी पाने का आरोप है।

अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि वानखेड़े को न तो कभी निलंबित किया गया और न ही उनके खिलाफ कोई आरोपपत्र दाखिल किया गया। अदालत ने पाया कि सरकार ने यह जानकारी छिपाई कि कैट ने अगस्त 2024 में वानखेड़े के खिलाफ विभागीय कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद, केंद्र सरकार ने कैट के आदेश पर रोक लगाकर अदालत को गुमराह किया।

गौरतलब है कि दिसंबर 2024 के अपने आदेश में कैट ने निर्देश दिया था कि यदि यूपीएससी ने वानखेड़े की पदोन्नति की सिफारिश की है तो केंद्र सरकार उन्हें संयुक्त आयुक्त के पद पर पदोन्नत करे।

समीर वानखेड़े तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने एनसीबी अधिकारी रहते हुए शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग मामले में गिरफ्तार किया था। हालाँकि, बाद में आर्यन को क्लीन चिट दे दी गई और वानखेड़े का तबादला कर दिया गया।