नई दिल्ली, 29 सितम्बर : लद्दाख का पर्यटन उद्योग इस समय बेहद मुश्किल में है। लेह में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ़्तारी ने स्थिति और बिगाड़ दी है। अप्रैल में पहलगाम हमले के बाद से ही पर्यटकों की संख्या में कमी आई थी, लेकिन पिछले हफ़्ते हुए विरोध प्रदर्शनों के कारण यात्राएँ और भी ज़्यादा रद्द हो गई हैं।
24 सितंबर को लेह शहर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया, जिससे कई पर्यटक फँस गए और उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लेह एपेक्स बॉडी से जुड़े एक संगठन ने 24 सितंबर को बंद का आह्वान किया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान झड़पें हुईं, जिसके परिणामस्वरूप चार लोगों की मौत हो गई और 150 से ज़्यादा घायल हो गए।
इंटरनेट सेवा भी बंद
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया और मोबाइल व इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दीं। इसका व्यापार और पर्यटन दोनों पर भारी असर पड़ा है। स्थानीय होटल प्रबंधक नसीब सिंह ने बताया कि पिछले एक हफ्ते से हर दिन अग्रिम बुकिंग रद्द हो रही है और सामान की कमी हो गई है।
उन्होंने कहा कि अपने 10 साल के अनुभव में उन्होंने लेह में ऐसा माहौल पहली बार देखा है। स्थानीय ट्रांसपोर्टर रिग्जिन दोरजे ने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद लद्दाख में पर्यटन ठप हो गया था। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पर्यटक धीरे-धीरे लौटने लगे थे, लेकिन बुधवार की घटना ने एक बार फिर हालात बिगाड़ दिए।
यहां तक कि भोजन भी मिलना मुश्किल हो गया है।
एक होटल व्यवसायी ने कहा कि रोज़मर्रा की अफ़रा-तफ़री हज़ारों परिवारों की रोज़ी-रोटी तबाह कर रही है। ताइवानी पर्यटक शीना ने कहा कि वह लद्दाख जाने के लिए उत्सुक थीं, लेकिन वहाँ पहुँचने पर उन्हें बाज़ार बंद मिले, जिससे खाना खरीदना भी मुश्किल हो गया।
More Stories
सुरक्षा बलों की गोलीबारी में हुई मौतों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए: वांगचुक
बिहार चुनाव से पहले 62,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू होंगी
‘संभल मस्जिद पर बुलडोजर की कार्रवाई नहीं रुकेगी’ : हाईकोर्ट