November 20, 2025

सजा का खुलासा नहीं तो उम्मीदवारी खत्म होगी : सुप्रीम कोर्ट

सजा का खुलासा नहीं तो उम्मीदवारी...

नई दिल्ली, 7 नवम्बर : सुप्रीम कोर्ट ने नामांकन पत्र में दोषसिद्धि का खुलासा करने के मुद्दे पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि अगर कोई उम्मीदवार नामांकन पत्र में अपनी पिछली दोषसिद्धि का खुलासा नहीं करता है तो उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति ए.एस. चंदुरकर की पीठ ने यह आदेश पूर्व पार्षद पूनम की अपील पर दिया, जिन्हें चुनाव के लिए नामांकन पत्र में एक मामले में अपनी पिछली दोषसिद्धि का खुलासा न करने के कारण पद से हटा दिया गया था।

सर्वोच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय

मध्य प्रदेश के भीखनगांव नगर परिषद में पूनम को नगर पार्षद पद से हटा दिया गया। चेक बाउंसिंग के एक मामले में पूनम को दोषी ठहराया गया और एक साल की जेल की सजा सुनाई गई। साथ ही उन्हें मुआवज़ा भी देने का निर्देश दिया गया।

सज़ा का खुलासा ज़रूरी है

इस मामले में अयोग्यता पर रोक लगाने की याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि जब यह पाया जाता है कि किसी उम्मीदवार ने पहले किसी दोषसिद्धि का खुलासा नहीं किया है, तो इससे मतदाता के मतदान के अधिकार के स्वतंत्र प्रयोग में बाधा उत्पन्न होती है।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, “यह स्पष्ट है कि 1881 के अधिनियम की धारा 138 के तहत अपनी दोषसिद्धि का खुलासा न करके, याचिकाकर्ता ने महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई है और इस प्रकार 1994 के अधिनियम के नियम 24-ए(1) की अनिवार्य आवश्यकताओं का पालन करने में विफल रहा है। इसलिए, उसके नामांकन पत्र को स्वीकार करना सही नहीं है। चूँकि याचिकाकर्ता एक निर्वाचित उम्मीदवार था, इसलिए उसका चुनाव रद्द है।

इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि उसके नामांकन पत्र को गलत तरीके से स्वीकार किए जाने से उसका चुनाव बुरी तरह प्रभावित हुआ। याचिकाकर्ता का यह तर्क भी विफल है।” अपील खारिज कर दी गई।

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