July 16, 2025

भारत में अवैध रूप से रहने वालों पर सख्त हुई सरकार, जाना पड़ सकता है जेल

भारत में अवैध रूप से रहने वालों पर

नई दिल्ली, 13 मार्च : गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने अवैध प्रवास को रोकने के उद्देश्य से लोकसभा में इमिग्रेशन और विदेशी बिल 2025 को पेश किया है। इस बिल में कानूनी स्थिति साबित करने की जिम्मेदारी राज्य के बजाय व्यक्ति पर डाली गई है। इमिग्रेशन से संबंधित यह विधेयक देश की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह विधेयक स्पष्ट रूप से भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता या अखंडता के लिए खतरा समझे जाने वाले किसी भी विदेशी नागरिक के प्रवेश या निवास पर प्रतिबंध लगाता है।

मोदी सरकार द्वारा सख्त कार्रवाई

यह विधेयक केंद्र सरकार को भारत में प्रवेश करने और भारत से जाने वाले व्यक्तियों और विदेशियों से संबंधित मामलों में पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेजों को विनियमित करने की शक्तियां प्रदान करेगा। इनमें वीजा आवश्यकताएं, पंजीकरण और संबंधित मामले शामिल हैं।

इस नियम के तहत सभी विदेशियों के लिए भारत आगमन पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है तथा उनकी आवाजाही, नाम परिवर्तन और संरक्षित या प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध है। इसके अलावा शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और नर्सिंग होम जैसी संस्थाओं को विदेशी नागरिकों की मौजूदगी के बारे में इमिग्रेशन अधिकारी को सूचित करना होगा।

3 साल की कैद और 3 लाख का हो सकता है जुर्माना

विधेयक के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी विदेशी को अवैध रूप से देश में लाता है या बसाता है तो उसे 3 साल की कैद या 3 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। इसमें सज़ा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं। यदि किसी शैक्षणिक या चिकित्सा संस्थान, अस्पताल या निजी आवास के मालिक किसी विदेशी को रोजगार देते हैं, तो उन्हें सरकार को सूचित करना होगा।

इस बिल में प्रावधान है कि यदि कोई विदेशी नागरिक वैध पासपोर्ट या दस्तावेजों के बिना भारत आता है तो उसे 5 वर्ष की कैद, 5 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों सजाएं दी जाएंगी।

अगर कोई फर्जी पासपोर्ट या फर्जी दस्तावेज के साथ यात्रा करता है तो उसे 2 साल की जेल की सजा होगी, जिसे 7 साल तक बढ़ाया जा सकता है। फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराने वालों को भी यही सजा दी जाएगी।