नई दिल्ली : आज, बुधवार 2 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन है। चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है. देवी के इस स्वरूप की अष्ट भुजाएं हैं, जिसमें उन्होंने कमंडल, धनुष, बाण, कमल का फूल, अमृत कलश, चक्र, गदा और जप माला धारण किए हुए हैं। मां का रूप दिव्य और अलौकिक माना जाता है। वहीं, मां कूष्मांडा शेर पर सवार होती हैं. मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के चौथे दिन कूष्मांडा माता की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के मान-सम्मान में वृद्धि होती है और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. ऐसे में आइए जानते हैं मां कूष्मांडा की पूजा विधि, भोग, मंत्र, शुभ रंग और कथा।
मां कूष्मांडा की पूजा विधि : पूजा शुरू करने से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और साफ कपड़े पहनें, मंदिर को गंगाजल से शुद्ध कर पूजा स्थान पर कूष्मांडा माता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें, शुद्ध घी का दीपक जलाएं, इसके बाद मां को कुमकुम और हल्दी का तिलक करें, कूष्मांडा माता को लाल रंग का कपड़ा या चादर चढ़ाएं, मां को भोग लगाकर उनके मंत्र का जाप करें, इसके बाद, मां के चरणों में पुष्प अर्पित कर आरती गाएं।
मां कूष्मांडा का मंत्र : ऊं कूष्माण्डायै नम:
बीज मंत्र : कूष्मांडा ऐं ह्री देव्यै नम :
ध्यान मंत्र : या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
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