नई दिल्ली, 24 मई : भारत में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने इस वर्ष अपेक्षा से पहले ही एंट्री कर ली है। मौसम विभाग के अनुसार मॉनसून ने 24 मई 2025 को केरल के तट पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जो कि सामान्य तिथि 1 जून से आठ दिन पहले है। यह 2009 के बाद से सबसे जल्दी मॉनसून की शुरुआत है, जब यह 23 मई को केरल पहुंचा था।
इस बार मॉनसून के जल्दी आगमन का मुख्य कारण अनुकूल जलवायु परिस्थितियां हैं, जिनमें ला नीना प्रभाव और हिंद महासागर के तापमान में परिवर्तन शामिल हैं।
इसके परिणामस्वरूप, मॉनसून धीरे-धीरे देश के अन्य हिस्सों में भी अपनी दस्तक देने की प्रक्रिया में है, जिससे किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए संभावित लाभ की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
यहां जल्द पहुंचेगा मॉनसून?
केरल और दक्षिण भारत : मॉनसून ने 24 मई को केरल में एंट्री कर ली है और अगले 5-7 दिनों में, यानी 29 मई से 1 जून तक, यह कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों और गोवा तक पहुंचेगा। इन क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है। आईएमडी ने पहले ही इन राज्यों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
मध्य और उत्तर भारत में कब होगी एंट्री
जून के पहले सप्ताह (5-7 जून) तक मॉनसून महाराष्ट्र, तेलंगाना, और पूर्वोत्तर राज्यों जैसे असम, मेघालय, और त्रिपुरा में सक्रिय हो जाएगा। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और ओडिशा में मॉनसून 10-15 जून तक पहुंचने की उम्मीद है।
उत्तर भारत में मॉनसून का आगमन सामान्य रूप से जून के अंतिम सप्ताह में होता है। इस बार, आईएमडी के अनुमान के अनुसार, मॉनसून 25-30 जून तक उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, और राजस्थान में पहुंचेगा। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में भी इसी दौरान मॉनसून की बारिश शुरू होगी।
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