नई दिल्ली, 31 मार्च : कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्यायिक मामलों की संसद की स्थायी समिति ने यह स्पष्ट किया है कि अधिकारियों के लंबे समय तक एक ही पद पर बने रहने से भ्रष्टाचार की संभावनाएं बढ़ रही हैं। समिति ने सुझाव दिया है कि नीति के अनुसार सभी अधिकारियों के स्थानांतरण तुरंत प्रभाव से किए जाने चाहिए और किसी भी अधिकारी को किसी भी मंत्रालय में निर्धारित समय सीमा से अधिक नहीं रहना चाहिए।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की अनुदान मांगों पर 27 मार्च को संसद में प्रस्तुत की गई अपनी 145वीं रिपोर्ट में समिति ने यह भी उल्लेख किया कि सभी अधिकारियों के लिए रोटेशन नीति लागू है, लेकिन इसका सही तरीके से पालन नहीं किया जा रहा है।
समिति ने तुरन्त तबादलों की सिफारिश की
समिति ने यह भी बताया कि कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो अपने मंत्रालयों या स्थानों पर आठ से नौ साल से अधिक समय से तैनात हैं, विशेष रूप से आर्थिक और संवेदनशील मंत्रालयों में। यह स्थिति तब और चिंताजनक हो जाती है जब संगठन के प्रमुख चार से पांच बार बदल जाते हैं, फिर भी ये अधिकारी अपने पदों पर बने रहते हैं। इस प्रकार की स्थिरता न केवल प्रशासनिक दक्षता को प्रभावित करती है, बल्कि यह भ्रष्टाचार के लिए भी एक उपजाऊ भूमि तैयार करती है।
इस संदर्भ में, समिति ने यह आवश्यक बताया है कि अधिकारियों के स्थानांतरण की प्रक्रिया को सख्ती से लागू किया जाए ताकि किसी भी अधिकारी को एक ही पद पर लंबे समय तक रहने का अवसर न मिले। यह न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, बल्कि सरकारी कार्यों में जवाबदेही और प्रभावशीलता को भी सुनिश्चित करेगा। इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि सरकारी तंत्र में सुधार लाया जा सके और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाया जा सके।
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