गुवाहाटी : चेन्नई सुपर किंग्स के समर्थकों का मानना है कि जब महेंद्र सिंह धोनी मैदान पर होते हैं और मैच अंतिम ओवर में पहुंचता है, तो वह किसी भी स्थिति को बदलने की क्षमता रखते हैं और अपनी टीम को जीत दिला सकते हैं। लेकिन गुवाहाटी में यह जादू नहीं चल सका।
राजस्थान रॉयल्स के घरेलू मैदान पर चेन्नई सुपर किंग्स को अंतिम 18 गेंदों में 45 रनों की आवश्यकता थी, जिसका मतलब था कि हर ओवर में 15 रन बनाने होंगे। महेंद्र सिंह धोनी और रविंद्र जडेजा के मैदान पर होने के कारण चेन्नई के समर्थकों को कोई चिंता नहीं थी, जबकि राजस्थान के प्रशंसकों की धडक़नें तेज हो गई थीं।
राजस्थान ने अंतिम दौर में कुछ इस तरह मैच अपने नाम किया
अंतिम ओवर के रोमांचक मुकाबले में, राजस्थान ने धोनी के प्रभाव को पार करते हुए जीत हासिल की। इस मैच में, अंतिम तीन ओवरों के दौरान लगभग 9 मिनट तक राजस्थान के समर्थकों को हर प्रकार का रोमांच देखने को मिला। 18वें ओवर में, महीश ने कभी चेन्नई सुपर किंग्स के लिए एक्स फैक्टर का काम किया था, लेकिन इस बार वह अपनी टीम को जीत दिलाने में सफल नहीं हो सके।
इस मैच ने दर्शाया कि क्रिकेट में किसी भी क्षण परिणाम बदल सकता है, और धोनी का जादू भी कभी-कभी असफल हो सकता है। राजस्थान रॉयल्स ने अपनी रणनीति और खेल कौशल से साबित कर दिया कि वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
इस प्रकार, गुवाहाटी में खेले गए इस मैच ने न केवल क्रिकेट प्रेमियों को रोमांचित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि खेल में अनिश्चितता हमेशा बनी रहती है।
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