टोरंटो (कनाडा) 11 जून– टोरंटो (कनाडा) की निवासी तथा मोगा जिले के गांव माछीके की निवासी डॉ. रवनीत कौर सिद्धू ने वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में एक अध्ययन करके अपने माता-पिता तथा पूरे भारतीय समाज को गौरवान्वित किया है। रवनीत कौर सरदार तरसेम सिंह सिद्धू की बेटी हैं। वे उस टीम की सह-लेखिका हैं, जिसने यर्सिनिया पेस्टिस (प्लेग) जीवाणु की लंबे समय से चली आ रही घातकता के पीछे आनुवंशिक-विकास की पहेली को सुलझाया है।
अध्ययन के दौरान रवनीत सिद्धू ने डेनमार्क से मिले प्राचीन डीएनए नमूनों में पाया कि महामारी के सौ साल बाद, वाई. पेस्टिस के जीनोम से प्ला नामक जीन अचानक गायब हो गया। यह खोज एक लंबे अध्ययन की शुरुआत थी। उन्होंने हज़ारों साल पुराने डीएनए को जोड़कर यह समझने की कोशिश की कि यह जीन कैसे और क्यों गायब हो गया। यह शोध साइंस जर्नल जैसी अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित हुआ और दुनिया भर के अख़बारों ने इसे गर्व से अपने पन्नों पर जगह दी।
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