October 6, 2025

छात्रों की लड़ाई पर अध्यापक की गजब सज़ा, 15-20 पेज पर गालीयां लिखवाई!

छात्रों की लड़ाई पर अध्यापक की गजब सज़ा...

धनबाद, 5 अगस्त : शिक्षक बच्चों को उनकी गलतियों के लिए सजा देते हैं. आपने डंडे से पीटने, कान पकड़कर मुर्गे की तरह खड़ा करने जैसी सजाएं तो सुनी होंगी, लेकिन शहर के सेंट मैरी चर्च स्कूल की दो महिला शिक्षकों ने मामूली झगड़े पर चौथी कक्षा के एक छात्र को अजीबोगरीब सजा दे दी.

उससे 15-20 पन्नों पर अश्लील शब्द लिखने को मजबूर किया गया। उसे शब्दों को लिखकर लाने का होमवर्क भी दिया गया। इस घटना को लेकर उसकी माँ ने स्कूल प्रबंधन से शिक्षिकाओं के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि उन्हें छुट्टियों के बाद अभिभावकों से मामले की जानकारी मिली। स्कूल प्रबंधन समिति को सूचित किया गया, जिस पर दोनों शिक्षिकाओं को तुरंत हटाने के आदेश दिए गए।

गालीयों की आदत सुधारने के लिए किया ऐसा

प्रिंसिपल ने कहा कि बच्चे की गाली-गलौज की आदत सुधारने के लिए उसे बार-बार गालियाँ लिखने पर मजबूर किया गया। लेकिन सज़ा का यह तरीका पूरी तरह से गलत है। उन्होंने इस मामले में बच्चे के माता-पिता से माफ़ी मांगी। बच्चे की माँ ने बताया कि उन्होंने उसे गालियाँ लिखने का होमवर्क दिया था।

कुसुम विहार में रहने वाली बच्चे की माँ ने बताया कि सोमवार सुबह वह अपने बच्चे को स्कूल छोड़कर आई थी। जब वह उसे लेने गई, तो बच्चा डर गया। उसने बताया कि किसी बच्चे ने उसकी पीठ पर ‘पागल’ लिखकर उस पर कागज़ फेंक दिया था। जब उसने शिकायत की, तो टीचर ने कहा कि यह तुम्हारी रोज़ की आदत है।

बाद में किसी ने टीचर से उसकी गाली-गलौज की शिकायत कर दी। उसने टीचर से कहा कि उसने गाली नहीं दी, अगर वह चाहें तो सीसीटीवी देख सकती हैं। बच्चे ने रोते हुए अपनी कॉपी माँ को दिखाई। कॉपी देखकर उसकी माँ दंग रह गई। उसमें सिर्फ़ 15-20 पन्ने ही गाली-गलौज के लिखे थे। बच्चे ने बताया कि मैडम ने उसे गाली लिखने को कहा था। उसकी माँ ने बताया कि उसे होमवर्क में भी गाली लिखने को कहा गया था। मामले में लिखित शिकायत माँगी गई है। मामला बेहद गंभीर है। किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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