नई दिल्ली, 22 अप्रैल : चंद्र ग्रहण को न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसका व्यक्ति के जीवन पर अनिवार्यत: प्रभाव पड़ता है। माना जा रहा है कि साल का दूसरा चंद्रग्रहण खून के समान लाल दिखाई देगा, इसीलिए इसे ब्लड मून नाम दिया गया है।
चंद्र ग्रहण और सूतक समय
साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को रात 9:58 बजे शुरू हो रहा है। इसके साथ ही चंद्र ग्रहण 8 सितंबर को सुबह 01:26 बजे समाप्त हो जाएगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा जो भारत में भी दिखाई देगा, इसलिए इसे सूतक काल भी माना जाएगा। इस दिन सूतक का समय कुछ इस प्रकार रहेगा।
सूतक काल आरंभ – 7 सितम्बर दोपहर 12:35 बजे
सूतक काल समाप्ति – 8 सितम्बर, सुबह 1:426 बजे से देर रात तक
इन बातों को ध्यान में रखें
चंद्र ग्रहण के दिन भोजन या अन्य पवित्र वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डालने चाहिए ताकि इन वस्तुओं को नकारात्मक प्रभावों से बचाया जा सके। गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान नियमों का सबसे अधिक ध्यान रखना चाहिए और किसी भी नुकीली वस्तु का उपयोग करने से बचना चाहिए।
इसके साथ ही चंद्र ग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए। आप इस समय चंद्र देव के बीज मंत्र ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:’ का जाप कर सकते हैं।
यह काम नहीं किया जाना चाहिए
चंद्र ग्रहण काल के दौरान पूजा-पाठ, देवी-देवताओं की मूर्तियों को छूने, भोजन करने या बनाने तथा सोने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे नकारात्मकता बढ़ सकती है। इस समय बाहर जाने से भी बचना चाहिए। इसके साथ ही सूतक काल के दौरान तुलसी के पत्ते तोडऩा भी अशुभ माना जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करना भी वर्जित होता है।
यह भी देखें :https://bharatdes.com/this-increase-in-the-price-of-gold-will-blow-your-mind/
More Stories
दिवाली पर मिलेगा सस्ते हवाई सफर का तोहफा, एयरलाइंस बढ़ाएंगी उड़ानें
पाकिस्तान से लेकर म्यांमार तक फिर कांपी धरती, भारत में भी भूकंप के झटके
सुरक्षा बलों की गोलीबारी में हुई मौतों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए: वांगचुक