मोरिंडा, 23 मई : जिले के विभिन्न मजदूर, कर्मचारी, विद्यार्थी, किसान और समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर भूमि अधिग्रहण संघर्ष कमेटी के नेतृत्व में अपनी आवाज उठाई है। इस समूह में डीटीएफ के जिला अध्यक्ष प्रिंसिपल लखविंदर सिंह, महासचिव जोशील तिवाड़ी, टेक्निकल और मैकेनिकल यूनियन के जोन अध्यक्ष मालगर सिंह खमाणों, तरलोचन सिंह, महासचिव दीदार सिंह ढिल्लों, किरती किसान यूनियन के नेता वीर सिंह बारबा, पीएसयू की नेता मनप्रीत कौर, जल सप्लाई और सेनिटेशन वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष जरनैल सिंह नलिनी कलां, जगतार सिंह रत्तो, और जल सप्लाई तालमेल संघर्ष कमेटी के संयोजक सुखजिंदर सिंह चनारथल शामिल हैं। इन सभी नेताओं ने मिलकर जींद राज्य में 927 एकड़ भूमि पर दलित भूमिहीन मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुटता दिखाई है।
भूमिहीन मजदूरों के हक की लड़ाई
इस संघर्ष का मुख्य उद्देश्य भारतीय संविधान के तहत भूमि अधिकारों की सुरक्षा करना है, ताकि भूमिहीन मजदूरों को उनके हक मिल सकें। यह आंदोलन न केवल भूमि अधिग्रहण के खिलाफ है, बल्कि यह सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। नेताओं ने स्पष्ट किया है कि वे अपने परिवारों के साथ मिलकर इस संघर्ष में भाग लेंगे और किसी भी प्रकार की अन्याय के खिलाफ खड़े रहेंगे। इस प्रकार, यह आंदोलन न केवल स्थानीय समुदाय के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन सकता है, जो सामाजिक और आर्थिक समानता की दिशा में अग्रसर है।
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