चंडीगढ़, 6 अप्रैल : अवैध कॉलोनियों के निर्माण को चालान पेश करके बहुत आसानी से पहचाना जा सकता है। इस प्रथा को रोकने के लिए राज्य सरकार ने कानून में संशोधन कर कड़ी सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान किया है, लेकिन अवैध कॉलोनियों का निर्माण जारी है। कॉलोनाइजर्स बड़े शहरों और राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों पर बेधडक़ अवैध कॉलोनियों का निर्माण कर रहे हैं। कई कॉलोनाइजर्स का तो यहां तक दावा है कि लोगों को गुमराह करने के लिए इस कॉलोनी को मंजूरी दी गई है, जबकि वास्तविकता इसके विपरीत है।
इन इलाकों में अधिक शिकायतें
हालांकि बड़े शहरों व कस्बों में अवैध कॉलोनियां बनाई जा रही हैं, लेकिन मोहाली व रूपनगर जिलों के खरड़, मोरिंडा, कुराली व डेराबस्सी कस्बों में शिकायतें ज्यादा मिल रही हैं। आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में करीब 12 हजार अवैध कॉलोनियां हैं। राज्य सरकार ने अवैध कॉलोनियों के निर्माण को रोकने के लिए पंजाब अपार्टमेंट एवं संपत्ति विनियमन (संशोधन) अधिनियम 2024 पारित किया था। इसमें अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर जुर्माने की सीमा 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दी गई है।
इसी प्रकार कारावास का प्रावधान पांच वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष कर दिया गया है। हाल के महीनों में सरकार अवैध कॉलोनियों में 500 गज तक के भूखंडों को नियमित करने के लिए एकमुश्त निपटान योजना लेकर आई थी। इस योजना में 31 जुलाई 2024 तक प्लॉट या संपत्ति की खरीद के लिए पंजीकृत ऋण पत्र या बैंक के माध्यम से राशि का भुगतान करने वालों के लिए एनओसी की शर्त को समाप्त कर दिया गया था। इस तरह 500 गज तक के प्लॉट को नियमित किया जाना था, लेकिन कॉलोनी को अवैध माना जाएगा।
यह भी देखें : https://bharatdes.com/demand-for-formation-of-national-commission-for-retired-soldiers-in-high-court/
More Stories
पंजाब सरकार लैंड पूलिंग नीति रद्द करे, वरना दिल्ली जैसा संघर्ष होगा : एसकेएम
पंजाब सरकार ने संपत्ति कर में 5 प्रतिशत की वृद्धि की, अधिसूचना जारी
मैराथन धावक फौजा सिंह के अंतिम संस्कार की तारीख का खुलासा