चंडीगढ़, 6 अप्रैल : पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में रिटायर्ड सैनिकों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए राष्ट्रीय आयोग के गठन की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई है। खास बात यह है कि इस याचिका को दाखिल करते समय पटियाला में 13 मार्च की रात पुलिस कर्मियों द्वारा सेना के कर्नल और उनके बेटे की पिटाई को आधार बनाया गया है।
ताकि न्याय के लिए भटकना न पड़े
याचिकाकर्ता का कहना है कि कर्नल की पत्नी इस मामले में न्याय के लिए अकेले ही लड़ रही हैं। रिटायर्ड सैनिकों और उनके परिवारों को भी ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि सैनिकों के मामलों के लिए राष्ट्रीय आयोग होता तो ये स्थितियां उत्पन्न नहीं होतीं। याचिका में यह भी कहा गया है कि रक्षा विभाग से संबंधित वर्तमान शिकायत निवारण तंत्र आज की बदलती परिस्थितियों के मद्देनजर पर्याप्त नहीं है।
इस याचिका पर अगले सप्ताह उच्च न्यायालय में सुनवाई होने की संभावना है। यह याचिका एक सैन्य अधिकारी की बेटी द्वारा दायर की गई है, जो मोहाली स्थित आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ की छात्रा है। याचिका में तर्क दिया गया है कि जिस तरह महिलाओं के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और एनआरआई के लिए अलग-अलग आयोग गठित किए गए हैं, उसी तरह रिटायर्ड सैनिकों और उनके परिवारों के लिए भी ‘राष्ट्रीय आयोग’ का गठन किया जाना चाहिए।
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