एसएएस नगर, 31 मार्च : नया शैक्षणिक सत्र आरंभ होने से पूर्व, शिक्षा विभाग ने पंजाब के निजी विद्यालयों में पढ़ाई जाने वाली पुस्तकों की सूची प्राप्त करने का निर्णय लिया है। पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को निर्देशित किया है कि वे निजी स्कूलों से इस वर्ष उपयोग में लाई जा रही पुस्तकों की जानकारी संकलित करें। विभाग का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि विद्यालयों में किस प्रकाशक की किताबें प्रचलित हैं और पिछले वर्ष की तुलना में कितनी प्रतिशत किताबें बदली गई हैं।
अभिभावकों की शिकायत पर हुई कार्रवाई
यह कदम तब उठाया गया है जब एक छात्र के अभिभावकों ने पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि कई निजी स्कूल मनमाने तरीके से महंगी किताबें बेचने का दबाव बना रहे हैं और सरकारी नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। इस शिकायत के बाद, शिक्षा विभाग ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि सभी विद्यालयों में पाठ्यक्रम के अनुसार उचित और मानक पुस्तकों का ही उपयोग किया जाए।
प्राईवेट स्कूलों पर मनमाने ढंग से किताबें लेने का आरोप
एनसीईआरटी की पुस्तकों को अनिवार्य माना गया है, फिर भी कई निजी विद्यालयों में निजी प्रकाशकों की किताबों को प्राथमिकता दी जा रही है। यह स्थिति न केवल अभिभावकों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि शिक्षा के मानकों पर भी प्रश्न उठाती है। विभाग की यह पहल इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी छात्रों को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो।
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