एसएएस नगर (मोहाली) , 31 मार्च: बहुचर्चित मोगा सेक्स स्कैंडल के करीब डेढ़ दशक पुराने मामले को सुलझाते हुए यहां की विशेष सीबीआई अदालत ने मोगा के तत्कालीन एसएसपी दविंदर सिंह गरचा, तत्कालीन एसपी (एच) परमदीप सिंह संधू के अलावा मोगा सिटी थाने के दो पूर्व एसएचओ रमन कुमार और इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह को दोषी करार दिया है। पुलिस अधिकारी भ्रष्टाचार और जबरन वसूली के दोषी पाए गए हैं। उन्हें 4 अप्रैल को सजा सुनाई जाएगी। इस मामले में अकाली नेता जत्थेदार तोता सिंह के बेटे बरजिंदर सिंह उर्फ मक्खन बराड़ और सुखराज सिंह को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है। मामले की सुनवाई के दौरान महिला आरोपी मनजीत कौर की मृत्यु हो गई।
धारा 384 के तहत दोषी करार
सीबीआई अदालत ने पूर्व पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह गरचा और परमदीप सिंह संधू को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत दोषी पाया है, जबकि दोनों तत्कालीन एसएचओ रमन कुमार और अमरजीत सिंह को भ्रष्टाचार अधिनियम और धारा 384 के तहत दोषी ठहराया है। इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह को आईपीसी की धारा 511 के तहत भी दोषी पाया गया है।
सीबीआई ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश पर 11 दिसंबर 2007 को मामला दर्ज किया था। अदालत ने राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव का हवाला देते हुए पंजाब पुलिस की निष्पक्ष जांच करने की क्षमता पर चिंता व्यक्त की थी। इसके बाद सीबीआई ने आईपीसी की धारा 384, 211 और 120-बी के साथ-साथ पीसी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की।
रिश्वत की मांग करने का आरोप
प्रारंभिक जांच के दौरान पाया गया कि दविंदर सिंह गरचा, परमदीप सिंह संधू, अमरजीत सिंह और रमन कुमार ने सरकारी अधिकारी होते हुए अकाली नेता बरजिंदर सिंह उर्फ मक्खन बराड़ और अन्य के साथ मिलकर अवैध वित्तीय लाभ प्राप्त करने की साजिश रची थी। उन पर कथित तौर पर झूठे मामले दर्ज करने तथा निर्दोष लोगों को इन मामलों से बाहर निकालने के लिए रिश्वत की मांग करने का आरोप है।
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