November 16, 2025

भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अमेरिका से यूके तक बेनकाब हुई पश्चिमी मीडिया

भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अमेरिका...

नई दिल्ली, 15 मई : पश्चिमी मीडिया का भारत के प्रति दृष्टिकोण हमेशा से पक्षपाती रहा है, और इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि भारत ने ब्रिटिश उपनिवेश से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से अपनी नीतियों और कूटनीतियों को अपने अनुसार निर्धारित किया है। आज भारत तेजी से दुनियां की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है, जो पश्चिमी देशों के लिए चिंता का विषय बन गया है। यही कारण है कि पश्चिमी मीडिया और उनके राजनीतिक नेतृत्व में भारत के प्रति नकारात्मक भावनाएं लगातार बनी हुई हैं।

हाल ही में जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद, अमेरिका द्वारा पाकिस्तान के दोष को छिपाने के प्रयासों में पश्चिमी मीडिया ने एक ढाल का काम किया है। हालांकि, अब वहां के पूर्व रक्षा अधिकारियों ने इन प्रयासों को बेनकाब करना शुरू कर दिया है। इसी तरह, ब्रिटेन में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है, जहां के विद्वेषी विचारक अब बीबीसी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, जो इस पक्षपाती रिपोर्टिंग को बढ़ावा देते हैं।

पाकिस्तान के आतंकवाद पर मुंह मोड़ लिया

भारत को पाकिस्तान और पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में ऑपरेशन सिंदूर इसलिए लॉन्च करना पड़ा, क्योंकि पाकिस्तानी सेना की सरपरस्ती में वहां से आए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। लेकिन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न सिर्फ पाकिस्तान को भारत के साथ एक तराजू पर तोलने की कोशिश की, बल्कि ऐसा लगा ही नहीं कि वह पहलगाम की घटना और उसकी बाद की परिस्थितियों को लेकर पाकिस्तान के गुनाहों को स्वीकार करने के लिए तैयार है। ट्रंप ही नहीं, अमेरिकी और ब्रिटिश मीडिया भी एक तरह से पाकिस्तानी सेना और उसकी आड़ में दहशतगर्दों के प्रति सहानुभूति दिखाती नजर आई।

‘बीबीसी जैसे चैनलों पर बैन की मांग’

लगभग इसी तरह की भावना यूनाइटेड किंगडम के एक बड़े राजनीतिक विश्लेषक डेविड वेंस ने जाहिर की है। उन्होंने तो पक्षपाती रवैए के लिए बीबीसी पर बैन लगाने तक की मांग की है, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह भारत-विरोधी है। उन्होंने कहा, ‘काफी समय से एक ऑपरेशन की जरूरत थी और आखिरकार वो हुआ।

जहां तक समझ में आता है, ये ऑपरेशन सफल रहा है। अगर आप ग्लोबल मीडिया को देखें, तो वो भारत का ज्यादा समर्थन नहीं कर रहा है।’ उनके अनुसार, ‘मैं पाकिस्तान को एक विफल राज्य, एक आतंकवादी राज्य और एक आतंकवादी इनक्यूबेटर मानता हूं। भारत ने जो कदम उठाया, वह अच्छा था।’

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