नई दिल्ली, 15 मई : पिछले कुछ समय से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। दोनों देश एक दूसरे पर ड्रोन से हमला कर रहे थे। इस बीच खबर आ रही है कि तुर्की ने पाकिस्तान पर हमला करने के लिए ड्रोन भेजे हैं। गौरतलब है कि भारत ने कई बार तुर्की को सहायता प्रदान की है, जिसके बाद तुर्की के इस कदम को विश्वासघात और दोस्ती के साथ विश्वासघात करार दिया गया था। अब तो स्थिति बहिष्कार तक पहुंच गई है।
भारतीर्य पर्यटकों ने रद्द की यात्राएं
भारतीय पर्यटक तुर्की की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देते हैं। इस बीच, सैकड़ों भारतीयों ने तुर्की और अजरबैजान की अपनी यात्राएं रद्द कर दी हैं। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार, करीब 6 दिनों में भारत से 50 प्रतिशत से अधिक बुकिंग रद्द हो गई हैं।
एमएमटी प्रवक्ता ने कहा कि भारत के लोगों ने तुर्की का पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया है। लगभग एक सप्ताह के भीतर, तुर्की और अजरबैजान के लिए 60 प्रतिशत बुकिंग रद्द कर दी गई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम अपने देश और सेना के साथ खड़े हैं। इसके अतिरिक्त, हम तुर्की और अजरबैजान के लिए बुकिंग रद्दीकरण का पूर्ण समर्थन करते हैं। हमने अपने प्लेटफॉर्म पर तुर्की और अजऱबैजान से संबंधित यात्रा ऑफऱ भी बंद कर दिए हैं।
जेएनयू ने भी बड़ा कदम उठाया
ज्वाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने भी तुर्की का बहिष्कार किया है तथा इनोनू विश्वविद्यालय के साथ अपना समझौता समाप्त कर दिया है। जेएनयू ने अपने एक्स पर लिखा है कि राष्ट्र प्रथम, हम देश के साथ खड़े हैं।
कैट ने भी बहिष्कार का समर्थन किया
भारतीय व्यापारियों के शीर्ष संगठन कन्फैड्रेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने भी चीन, तुर्की और अजरबैजान के बहिष्कार पर जोर दिया है। उनका कहना है कि इन देशों ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया है। साथ ही कैट ने निर्णय लिया है कि वह इस अभियान को और मजबूत करने के लिए ट्रैवल एवं टूर ऑपरेटर संगठनों के साथ मिलकर काम करेगा। विभिन्न अन्य संबंधित विभागों से संपर्क कर इस अभियान को और तेज किया जाएगा।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चांदनी चौक से सांसद श्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि वर्ष 2024 के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार तुर्की में कुल विदेशी पर्यटक 62.2 मिलियन थे, जिनमें से लगभग 3 लाख पर्यटक अकेले भारत से थे।
तुर्की व्यापार पर गहरा प्रभाव
वित्तीय वर्ष 2023-2024 में भारत ने तुर्की से 2,482 वस्तुओं का आयात किया। इन आयातों का कुल मूल्य 3.78 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। भारत तुर्की से कई चीजें आयात करता है। इनमें नमक और प्लास्टर सामग्री (235 मिलियन अमेरिकी डॉलर), अकार्बनिक रसायन (188 मिलियन अमेरिकी डॉलर), खनिज ईंधन और तेल (1.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर), परमाणु रिएक्टर और भाग (311 मिलियन अमेरिकी डॉलर), प्राकृतिक और कीमती मोती (132 मिलियन अमेरिकी डॉलर), पशु उत्पाद (149 मिलियन अमेरिकी डॉलर) आदि शामिल हैं। इस बीच, भारतीय व्यापारियों ने तुर्की से सेब आयात करने से इनकार कर दिया। व्यापारियों का कहना है कि तुर्की पाकिस्तान को ड्रोन की आपूर्ति करता है। यह कहा जा सकता है कि भारत द्वारा किए गए इस व्यापार और यात्रा बहिष्कार का तुर्की पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
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