चंडीगढ़, 16 मार्च : दिल्ली चुनावों में मिली हार के बाद विपश्यना साधना के लिए गए आम आदमी पार्टी के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब पंजाब में सक्रियता दिखा रहे हैं।
रविवार को, पंजाब में भगवंत मान की अगुवाई में आम आदमी पार्टी सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर, केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल और मुख्यमंत्री मान के साथ सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में मत्था टेकने पहुंचे।
दर्शन के बाद केजरीवाल ने कहा कि 16 मार्च, 2022 को भगवंत मान ने पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था, जिसमें उन्होंने अपने अनुभवों को साझा किया और गुरुजी के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
पार्टी के भीतर एकजुटता पर दिया जोर
इस अवसर पर, केजरीवाल ने पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाओं पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर एकजुटता बनाए रखना आवश्यक है और नेतृत्व में बदलाव के बारे में अटकलें केवल समय की बात हैं।
उनका यह बयान पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए एक संदेश के रूप में आया, जिसमें उन्होंने एकजुटता और सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
नशों के खिलाफ भगवंत मान ने जंग छेड़ी
केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि पंजाब में वर्तमान में सबसे गंभीर समस्या नशे की है। उन्होंने यह भी बताया कि युवाओं को नशे के प्रभाव से बचाना अत्यंत आवश्यक है। केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि नशे और भ्रष्टाचार के खिलाफ पंजाब के नागरिकों ने एक निर्णायक संघर्ष शुरू कर दिया है।
भगवंत मान पूरे करेंगे पांच साल
एक प्रश्न के उत्तर में, केजरीवाल ने आश्वासन दिया कि भगवंत मान मुख्यमंत्री के रूप में अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगले दस वर्षों तक मान मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
केजरीवाल ने अपने कार्यों को शासन के रूप में नहीं, बल्कि सेवा के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने गुरुजी से प्रार्थना की कि वे उन्हें आगे भी मार्गदर्शन प्रदान करते रहें, ताकि वे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रह सकें।
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