चंडीगढ़ , 1 अप्रैल: निगम ने नए वित्त वर्ष में शहरवासियों पर बोझ डाल दिया है। अब लोगों को नई दरों पर संपत्ति कर का भुगतान करना होगा। कलेक्टर रेट में अभी हाल ही में बढ़ोतरी हुई ही थी कि सोमवार को प्रशासन ने नए चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कमर्शियल और रिहायशी प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने की अधिसूचना जारी कर दी। वाणिज्यिक संपत्ति में तीन गुना वृद्धि हुई है। वाणिज्यिक संपत्ति कर की दरें 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दी गई हैं। इसी प्रकार, आवासीय संपत्ति की दरें सेक्टरों को जोन में विभाजित करके निर्धारित की गई हैं। यह अधिसूचना 1 अप्रैल से प्रभावी मानी जाएगी।
सदन की बैठक में प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया
7 फरवरी को निगम सदन की बैठक में पार्षदों के विरोध के बाद संपत्ति कर 3 से 12 प्रतिशत बढ़ाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया था। संभावना थी कि प्रशासन अपने स्तर पर कोई निर्णय ले सकता है। ऐसा माना जा रहा था कि वाणिज्यिक और आवासीय संपत्तियों में 3 से 13 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। हालांकि, जारी अधिसूचना के अनुसार, वाणिज्यिक संपत्ति कर में तीन गुना यानि 3 प्रतिशत की वृद्धि की गई, जबकि आवासीय संपत्तियों के लिए अलग स्लैब निर्धारित किए गए।
प्रस्ताव खारिज होने के बाद आयुक्त ने आपत्तियां उठाई थीं
कमिश्नर अमित कुमार ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि वह इस फैसले से सहमत नहीं हैं। निगम की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए करों में वृद्धि की जानी चाहिए। अब निगम ने सदन के फैसले को आयुक्त के जवाब के साथ प्रशासन को भेज दिया है। निगम ने आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध किया है। सूत्रों के अनुसार प्रशासनिक अधिकारी भी इसके पक्ष में हैं, क्योंकि प्रशासक कटारिया भी कई बार संपत्तिकर में बढ़ोतरी की मांग कर चुके थे।
प्रशासन ने मनमाने ढंग से अपनी शक्तियों का प्रयोग बढ़ा दिया
मेयर हरप्रीत कौर बबला ने कहा कि मैंने और मेरी पार्टी ने सदन की बैठक में संपत्ति कर बढ़ाने के एजेंडे को रद्द करवा दिया है। उसके बाद भी मैंने विपक्ष से संपत्ति कर में थोड़ी वृद्धि कर प्रशासन को भेजने को कहा, लेकिन विपक्ष नहीं माना। अब प्रशासन ने अपनी शक्तियों का प्रयोग कर मनमाने ढंग से इसमें बढ़ोतरी कर दी है।
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