अमृतसर, 30 मार्च : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के वार्षिक बजट सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार की नियुक्ति व सेवानिवृत्ति संबंधी नियम तय करने को मंजूरी, श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी पर्व को समर्पित उपयुक्त स्मारक बनाने की केंद्र सरकार से मांग, जरनैल सिंह खालसा के संबंध में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में दिए गए बयान की निंदा, पंजाब से बाहर सिखों के खिलाफ बनाए जा रहे नफरत के माहौल की निंदा, महाराजा रणजीत सिंह के शासनकाल से संबंधित ऐतिहासिक इमारतों का संरक्षण, सेना में सिखों के लिए आरक्षित कोटा निर्धारित करना, जेल में बंद सिखों की रिहाई, किसान संघर्ष आदि शामिल हैं।
आम अधिवेशन में पारित एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार की योग्यता, नियुक्ति, कार्यक्षेत्र और सेवानिवृत्ति से संबंधित नियमों को मंजूरी दी गई। इस संबंध में पंथिक प्रतिनिधियों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का भी निर्णय लिया गया, जो इस कार्य को पूरा करेगी।
नवंबर 2025 में मनाए जा रहे श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी पर्व के संबंध में प्रस्ताव में भारत सरकार से अपील की गई कि इस पवित्र अवसर को मनाने के लिए एक उपयुक्त स्मारक स्थापित किया जाए और भावी पीढ़ियों को गुरु साहिब की शिक्षाओं और सिद्धांतों से अवगत कराया जाए। प्रस्ताव में गुरु साहिब के नाम पर राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक संस्था या अनुसंधान केंद्र की स्थापना, विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्के जारी करने की भी मांग की गई।
नफरत भरे माहौल पर चिंता व्यक्त की गई
इसी प्रकार, पंजाब से बाहर के राज्यों में सिखों के खिलाफ नफरत का माहौल पैदा किए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया तथा सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। प्रस्ताव में हाल ही में हिमाचल प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर जाने वाले सिख तीर्थयात्रियों को कुछ लोगों द्वारा निशाना बनाए जाने तथा सिख तीर्थयात्रियों के वाहनों पर लगे सिख वीरों के चित्रों वाले झंडों को जबरन फाड़ दिए जाने का उल्लेख किया गया तथा हिमाचल प्रदेश सरकार से इस गंभीर मुद्दे पर गम्भीर रुख अपनाने तथा दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा गया। प्रस्ताव में इस मामले पर पंजाब सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाया गया है।
न्याय की मांग
पारित प्रस्ताव में न्यायालय ने नवंबर 1984 में दिल्ली में सिख नरसंहार के सरस्वती विहार मामले से संबंधित एक मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी ठहराए जाने का स्वागत किया तथा अन्य मामलों में दोषियों को कड़ी सजा देने तथा पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की।
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