पटियाला, 15 अप्रैल : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सोमवार को विपक्षी दलों के नेताओं को चेतावनी दी कि वे धमकी और आतंक की राजनीति से दूर रहें क्योंकि लोग उनके विभाजनकारी और शरारती रवैये को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को निराधार और अतार्किक बयान दिया था कि राज्य में 50 बम तस्करी कर लाए गए थे, जिनमें से 18 फट गए तथा 32 अन्य अभी भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि इस तर्कहीन बयान का उद्देश्य केवल लोगों को डराना और उनके मन में दहशत पैदा करना है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह असहनीय और अनुचित है, क्योंकि राज्य के लोग ऐसे नेताओं को कभी माफ नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में न तो राज्य और न ही केंद्रीय एजेंसियों के पास कोई जानकारी है, लेकिन कांग्रेस नेता ने यह गलत और अप्रासंगिक बयान दिया है। मान ने कहा कि ऐसा उदासीन और गैरजिम्मेदाराना रवैया अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि बमों का स्थान बताने के बजाय, प्रताप सिंह बाजवा अब अपने बुरे कामों से बचने के लिए वकीलों के पीछे भाग रहे हैं।
हंगामा करने के बजाय मुद्दा आधारित राजनीति पर ध्यान देना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को इस तरह का हंगामा करने के बजाय मुद्दा आधारित राजनीति पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पारंपरिक पार्टियां उनसे ईर्ष्या करती हैं क्योंकि वह एक सामान्य परिवार से आते हैं और लोगों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। मान ने कहा कि इन नेताओं ने हमेशा यही माना है कि राज्य पर शासन करने का उन्हें दैवीय अधिकार है, इसलिए वे यह पचा नहीं पा रहे हैं कि एक आम आदमी राज्य को कुशलतापूर्वक चला रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नेताओं ने लंबे समय तक लोगों को मूर्ख बनाया है, लेकिन अब लोग इनके भ्रामक प्रचार में नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की समझदार जनता ने सत्ता में रहते हुए महिलाओं का सुख भोगने वाले इन नेताओं को सत्ता से हटा दिया है। मान ने कहा कि राज्य में एक नए युग की शुरुआत हुई है, क्योंकि लोगों ने अजेय माने जाने वाले इन नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
आम आदमी के कल्याण की परवाह नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने 25 साल तक शासन करने का दावा किया था, उन्हें जनता ने राजनीतिक रूप से भुला दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने ऐसे अहंकारी नेताओं को उनके बुरे कर्मों के लिए करारा सबक सिखाया है। मान ने व्यंग्य करते हुए कहा कि बड़े-बड़े महलों में रहने वाले इन लोगों ने कभी भी आम आदमी के कल्याण की परवाह नहीं की और खुद को अपने घरों की ऊंची दीवारों में कैद कर लिया।
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