लुधियाना, 30 मार्च : ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और अंत्योदय अन्न योजना’ से जुड़े अधिकांश राशन कार्ड धारकों के बीच चिंता का माहौल बढ़ता जा रहा है। खाद्य आपूर्ति विभाग और डिपो धारकों की टीमें इन परिवारों के बुजुर्गों, बच्चों और श्रमिकों का ई-आईडी मशीनों पर बायोमेट्रिक सत्यापन कर रही हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में उनके उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों का स्कैन नहीं किया जा रहा है। इस स्थिति के कारण, इन परिवारों को केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली मुफ्त गेहूं की सुविधा खोने का डर सता रहा है, साथ ही उनके राशन कार्ड भी कटने की संभावना बनी हुई है।
कर्मचारियों ने शुरु की चयन प्रक्रिया
इस बीच, यह भी ध्यान देने योग्य है कि केंद्र सरकार की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी और कर्मचारी डिपो धारकों के माध्यम से राशन कार्ड में दर्ज प्रत्येक सदस्य का ई-मेल पता एकत्रित करने में जुटे हुए हैं। यह प्रक्रिया राशन कार्ड धारकों के लिए एक नई चुनौती बन गई है, क्योंकि कई लोग इस तकनीकी प्रक्रिया को समझने में असमर्थ हैं। इसके परिणामस्वरूप, कई परिवारों को अपने अधिकारों से वंचित होने का खतरा है, जो कि उनके लिए अत्यंत चिंताजनक है।
इस स्थिति को देखते हुए, यह आवश्यक है कि सरकार और संबंधित विभाग इस प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाएं, ताकि राशन कार्ड धारक बिना किसी तनाव के अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। यदि इस प्रक्रिया में सुधार नहीं किया गया, तो यह न केवल राशन कार्ड धारकों के लिए बल्कि समाज के कमजोर वर्गों के लिए भी गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसलिए, सभी संबंधित पक्षों को मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकालने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।
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