July 16, 2025

नीति आयोग की बैठक में भाखड़ा ब्यास प्रबंधन का मामला उठाएगी सरकार

नीति आयोग की बैठक में भाखड़ा...

जालंधर, 22 मई : पंजाब सरकार शनिवार को नीति आयोग की बैठक में भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के पुनर्गठन का मुद्दा उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नंगल में एक जनसभा के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जल स्तर में निरंतर परिवर्तन हो रहा है, इसलिए हर जल समझौते की 25 वर्षों के बाद समीक्षा आवश्यक है।
मान ने यह भी कहा कि पंजाब एक ऐसा राज्य है जो चारों ओर से भूमि से घिरा हुआ है और उसने अपने सीमित प्राकृतिक संसाधनों, जैसे जल और उपजाऊ मिट्टी, का अत्यधिक दोहन कर देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने बीबीएमबी द्वारा राज्य के जल के वैध हिस्से को छीनने के प्रयासों को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया।

हरियाणा ने अपने हिस्से पानी इस्तेमाल किया

उन्होंने कहा कि हरियाणा ने इस वर्ष मार्च में अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर लिया था, लेकिन बी.बी.एम.बी. ने राज्य का पानी छीनने के लिए केंद्र और हरियाणा सरकार की कठपुतली की तरह काम किया। बी.बी.एम.बी. चेयरमैन स्वयं राज्य का पानी चुराने के लिए नंगल आए थे, जिसे राज्य की जनता ने विफल कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वही बीबीएमबी है जिसने अपने अति महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों के लिए पंजाब से 32 करोड़ रुपए लिए थे और यह पैसा कभी राज्य को वापस नहीं किया।

बी.बी.एम.बी. कंपनी पर पंजाब का 150 करोड़ बकाया

उन्होंने कहा कि पंजाब का बी.बी.एम.बी. कंपनी पर करीब 150 करोड़ रुपये (ठीक 142 करोड़ रुपये) का बकाया है और राज्य सरकार जल्द ही इस पैसे की वसूली के लिए दावा करेगी। उन्होंने जानबूझकर पंजाब के कोटे के तीन हजार रिक्त पदों को खाली छोड़ दिया ताकि पानी पर राज्य का दावा कमजोर हो सके। इन रिक्तियों को यथाशीघ्र भरा जाएगा ताकि राज्य के हितों की रक्षा की जा सके।

उन्होंने कहा कि बी.पी. राज्य का पानी छीनने की कोशिश कर रही है। बी.एम.बी. वे केन्द्र के हाथों में खेलते रहे, लेकिन राज्य के बहादुर और मेहनती किसानों ने उनके नापाक प्रयासों को विफल कर दिया।

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