नई दिल्ली, 27 मार्च : बिहार के बच्चों की लंबाई में वृद्धि की दर अन्य राज्यों की तुलना में कम है। यह जानकारी केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट में सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि बिहार के बच्चों का औसत कद अपेक्षाकृत छोटा है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री साबित्री ठाकुर ने बुधवार को राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में बच्चों में ठिगनापन की समस्या बढ़ती जा रही है। हालांकि, यह सकारात्मक है कि पहले की तुलना में बच्चों में दुपलापन और वजन की कमी की समस्याएं कम हो रही हैं।
बच्चों में बौनापन, दुबलापर की समस्या
राज्यमंत्री साबित्री ठाकुर ने यह जानकारी राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा के एक प्रश्न के उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) और पोषण ट्रेकर के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में बच्चों के कुपोषण की दर में कमी आ रही है। बिहार के संदर्भ में, एनएफएचएस के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि राज्य में बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हो रहा है, लेकिन ठिगनापन की समस्या अभी भी एक चिंता का विषय बनी हुई है।
बिहार में बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि उनकी लंबाई और समग्र विकास में सुधार किया जा सके। यह आवश्यक है कि राज्य सरकार और संबंधित संस्थाएं मिलकर ठोस कदम उठाएं, जिससे बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हो सके और ठिगनापन जैसी समस्याओं का समाधान किया जा सके। इस दिशा में उठाए गए कदम न केवल बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाएंगे, बल्कि उनके भविष्य को भी उज्ज्वल बनाएंगे।
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