नंगल, 11 अप्रैल : यहां नजदीकी क्षेत्र के गांव खेड़ा कलमोट के सरपंच रामपाल के खेतों में गेहूं की कटाई के दौरान फिशिंग कैट नामक दुर्लभ प्रजाति के तीन नवजात शिशु मिलने का मामला प्रकाश में आया है। पहली नजऱ में ये बाघ के बच्चे प्रतीत हुए, जिसके कारण आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर एकत्र हो गए। लेकिन नवजात शिशुओं को बचाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरपंच रामपाल और उनके सहयोगियों ने तुरंत वन्यजीव विभाग को मामले की सूचना दी।
वन्य जीव विभाग की टीम ने बच्चों को कब्जे में लिया
वन्य जीव विभाग के गार्ड जसवीर सिंह भी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जिस पर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई। मौके पर पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता गौरव राणा ने इन दुर्लभ प्रजातियों को बचाने के लिए वन्य जीव विभाग होशियारपुर के मानद वार्डन और वन्य जीवों के जानकार निखिल सागर से इस पूरे घटनाक्रम के बारे में बातचीत साझा की।
वन्यजीव विभाग के वन्यजीव अधिकारी एवं मानद वार्डन निखिल सागर ने बताया कि ये अत्यंत दुर्लभ प्रजातियां हैं। इन जीवों की मां अगले 24 घंटों के भीतर उन्हें सुरक्षित स्थान पर वापस पहुंचाने के लिए स्वयं सक्रिय हो जाती है, इसलिए उसका इंतजार करना भी इस प्रक्रिया का हिस्सा है।
उन्होंने बताया कि रूपनगर वन्य जीव विभाग के अधिकारियों ने इन फिशिंग कैट शिशुओं को सुरक्षित रखने के लिए अगली प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राचीन काल में ये जानवर जल स्रोतों या तालाबों के पास पाए जाते थे।
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