लुधियाना, 22 अप्रैल : करीब 20 महीने पहले हुए 121 करोड़ रुपये के बहुचर्चित कथित घोटाले का सामना कर रहे ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग लुधियाना ब्लॉक-2 के 3 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है। मामले को लेकर विभाग के प्रबंध सचिव की ओर से जारी पत्र में सेवानिवृत्त बी.ए. ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग लुधियाना के ब्लॉक-2 में तैनात डी.पी. ओह. रुपिंदरजीत कौर, सिमरत कौर और बी. डी. पी. ओह. गुरप्रीत सिंह मंगत को उनके पदों से निलंबित कर दिया गया है।
यहां यह बताना जरूरी है कि ब्लॉक-2 के अंतर्गत गांव सलेमपुर, सेलकीआना बोकड़ गुजरा, सेखेवाल, कडियाना खुर्द और धनानसू ग्राम पंचायत को मिली अवार्ड राशि में 120.87 करोड़ रुपये के कथित घोटाले को लेकर विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्त कार्रवाई की गई है। जबकि करोड़ों रुपये के घोटाले से जुड़े अन्य संदिग्धों को पंचायत विभाग के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया है। डी.पी. ओ.जेड., पंचायत सचिवों एवं सरपंचों की भूमिका के बारे में कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है, जिससे विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
विजिलेंस विभाग के अधिकारी जांच पूरी नहीं कर पाए
गौरतलब है कि मान सरकार ने विभाग में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच सच्चाई का पता लगाने के उद्देश्य से विजिलेंस विभाग को सौंपी है, लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद भी विजिलेंस विभाग के अधिकारी जांच पूरी नहीं कर पाए हैं या यह कहा जा सकता है कि घोटाले के मामले की फाइलें धूल में मिल गई हैं। यहां इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि जब सरकार और सतर्कता विभाग इस मामले की जमीनी परतें खोलेगा तो कई अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के चेहरों पर लगे ईमानदारी के मुखौटे भी उजागर होने वाले हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार रूपिंदर जीत कौर वर्तमान में बी.डी.पी. ओह. निहाल सिंह वाला, सिमरत कौर बी.डी.पी.ओ. भोगपुर और गुरप्रीत सिंह मंगत डेरा बस्सी में तैनात हैं।
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