नई दिल्ली, 5 अप्रैल : नवरात्रि (चैत्र नवरात्रि 2025) की अष्टमी तिथि को देवी महागौरी की पूजा की जाती है, जिसे महा अष्टमी भी कहा जाता है। नवरात्रि का नौवां दिन माता सिद्धिदात्री को समर्पित है। इसी तिथि को रामनवमी का त्यौहार भी मनाया जाता है। अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने के बाद ही नवरात्रि व्रत पूर्ण माना जाता है। आप नवरात्रि का व्रत पूरी, हलवा, छोले और खीर आदि खाकर खोल सकते हैं। इसका मतलब यह है कि आप कन्याओं को जो भी खिलाते हैं, उससे अपना व्रत खोल सकते हैं। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भोजन लहसुन-प्याज रहित होना चाहिए, अर्थात पूर्णत: सात्विक होना चाहिए। तभी आपको उपवास का पूरा लाभ मिलेगा।
यह गलती मत करो
नवरात्रि की अष्टमी और नौमी तिथि पर भूलकर भी नीले या काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ कार्य में इन रंगों का प्रयोग शुभ नहीं माना जाता है और आपको उस कार्य से शुभ फल की प्राप्ति नहीं होगी। ऐसे में इन रंगों के कपड़े पहनने से बचें और इनकी जगह हरा, लाल, पीला, गुलाबी, नारंगी रंग के कपड़े पहनें।
इन बातों को ध्यान में रखें
नवरात्रि की अष्टमी और नौमी तिथि को बाल या नाखून काटने से भी बचना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन चमड़े आदि से बनी चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए और न ही कन्या पूजन के दौरान ये चीजें देनी चाहिए। यदि आप इन सभी बातों का ध्यान रखेंगे तो आपको अपने व्रत का पूरा लाभ मिलेगा।
ऐसा अवश्य करें
नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन के साथ हवन भी करना चाहिए। ऐसा करने से देवी मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही घर का वातावरण शुद्ध होता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
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