मोहाली, 19 अप्रैल : शिक्षा क्षेत्र और पंजाबी भाषा के समग्र विकास के लिए पंजाब सरकार के अथक प्रयासों के साथ तालमेल रखते हुए, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने एक अनूठी पहल के रूप में, पंजाबी भाषा की मिठास और पंजाबियों के नैतिक मूल्यों को समाज की सामान्य घटना से पुनर्जीवित करने के प्रयास शुरू किए हैं।
इस दिशा में पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के मुख्य कार्यालय में विचार-विमर्श किया गया, जिसके दौरान अन्य संचार माध्यमों के साथ-साथ गौरवशाली इतिहास और संस्कृति से प्रेरणा लेकर पंजाबी विद्यार्थियों और युवाओं में चरित्र निर्माण का विचार उभरा। इस पहल का नेतृत्व बोर्ड के चेयरमैन डॉ. अमरपाल सिंह आईएएस (सेवानिवृत) ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि गुरुओं और पीरों की विरासत वाली इस धरती की मीठी भाषा में गाली का मिश्रण हमें इस दिशा में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए मजबूर करता है।
बेसिक शिक्षा नीति की तरह इसके क्रियान्वयन पर भी जोर दिया
इटरनल यूनिवर्सिटी श्री बड़ू साहिब के कुलपति डॉ. जसविंदर सिंह जी ने बोर्ड की प्रतिष्ठा और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के अलावा दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर प्रकाश डालते हुए बदलावों के साथ तालमेल बिठाने और ऐतिहासिक गौरव को बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने पंजाबी भाषा और नैतिक मूल्यों को लेकर शुरू किए गए कार्यों की सराहना की और इन गुणों को प्राथमिक शिक्षा नीति का हिस्सा बनाकर लागू करने पर भी जोर दिया।
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