July 19, 2025

यू.एन. में भारत ने कहा पाकिस्तान ही सिंधु जल समझौते का उल्लंघन कर रहा है

यू.एन. में भारत ने कहा पाकिस्तान ही...

न्यूयॉर्क, 24 मई : संयुक्त राष्ट्र के मंच पर भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पाकिस्तान ही सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है। भारत ने यह भी बताया कि पाकिस्तान अपनी नकारात्मक गतिविधियों से बाज नहीं आ रहा है, जिसके कारण भारत को कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। भारत ने सिंधु जल समझौते को बहुत ईमानदारी से स्वीकार किया था, लेकिन पाकिस्तान ने बार-बार इस समझौते का उल्लंघन किया है।

पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के पालन पोषण के परिणामस्वरूप भारत पर कई आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें हजारों निर्दोष लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। विशेष रूप से, 2012 में आतंकवादियों ने तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट पर हमला किया, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान भारत के विकासात्मक प्रोजेक्ट्स को नुकसान पहुंचाने और लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालने की कोशिश कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की पोल खोली

गत शुक्रवार को न्यूयॉर्क में सिंधु जल संधि पर अरिया फॉर्मूला बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत ने अपनी बात रखी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने कहा, भारत ने 65 साल पहले सद्भावनापूर्वक सिंधु जल संधि की थी। पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकवादी हमले करके इसकी भावना का उल्लंघन किया है। 20,000 से अधिक भारतीयों की जान जा चुकी है, जिनमें सबसे हालिया हमला पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला है।

पाकिस्तान का रुख अडिय़ल बने रहना है

हरीश ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले 65 वर्षों में बांधों के बुनियादी ढांचे के लिए तकनीक में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं, जो संचालन और जल उपयोग की सुरक्षा और दक्षता को सुनिश्चित करते हैं। हालांकि, कुछ पुराने बांधों में सुरक्षा से संबंधित चिंताएं बनी हुई हैं। पाकिस्तान ने संधि के तहत अनुमत इस बुनियादी ढांचे में किसी भी प्रकार के बदलाव को निरंतर रोक रखा है।

2012 में, आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट पर हमला किया, जिससे न केवल हमारी परियोजनाओं को खतरा हुआ, बल्कि नागरिकों की जान भी जोखिम में पड़ी। हरीश ने संयुक्त राष्ट्र में यह भी बताया कि भारत ने पिछले दो वर्षों में पाकिस्तान से संधि में संशोधन पर चर्चा करने का आग्रह किया है, लेकिन पाकिस्तान का अडिय़ल रवैया इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में बाधा डालता है।

इसी संदर्भ में, भारत ने यह स्पष्ट किया है कि संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करता। यह स्थिति दर्शाती है कि पाकिस्तान की नीतियों के कारण द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की संभावनाएं सीमित हैं।

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