चंडीगढ़, 13 मई : शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की सुरक्षा को लेकर चल रहे विवाद पर शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस बीच, पंजाब सरकार की ओर से एडीजीपी सुरक्षा ने अदालत में हलफनामा दायर कर कहा कि मजीठिया को सामान्य खतरा है, लेकिन किसी विशेष खतरे के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है।
एडीजीपी सुरक्षा ने अपने हलफनामे में कहा कि मजीठिया सक्रिय राजनीति में हैं और पूर्व में मंत्री भी रह चुके हैं, इसलिए उनकी सामाजिक और राजनीतिक स्थिति को देखते हुए उन्हें सामान्य खतरा है, लेकिन अभी तक ऐसी कोई विशेष या ठोस जानकारी नहीं है जिससे यह कहा जा सके कि उन्हें किसी व्यक्ति या संगठन से सीधा खतरा है। इस पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार का जवाब रिकॉर्ड पर लिया और केंद्र सरकार से भी इस पर जवाब दाखिल करने को कहा।
कोर्ट ने कहा सुरक्षा से समझौता न हो
पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट में पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि मजीठिया को खतरा है और उनकी सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। वरिष्ठ वकील आर.एस. चीमा ने अदालत से कुछ और समय मांगा है ताकि वह पंजाब सरकार के हलफनामे का अध्ययन कर सकें और अपना मामला ठीक से पेश कर सकें। अदालत ने अगली सुनवाई 19 मई को तय की है। अदालत ने यह भी स्पष्ट निर्देश दिए कि अगली सुनवाई तक मजीठिया की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी और इसमें किसी भी तरह की चूक नहीं होनी चाहिए।
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