July 8, 2025

कर्नल हमला मामला: मुख्यमंत्री से मुलाकात के आश्वासन के बाद धरना स्थगित

कर्नल हमला मामला...

पटियाला, 25 मार्च : कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ की पुलिस द्वारा की गई पिटाई के मामले में श्री बाठ की पत्नी जसविंदर कौर बाठ के नेतृत्व में पीड़ित परिवार ने तीसरे दिन भी डीसी कार्यालय के समक्ष धरना दिया। इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व सैनिकों के अलावा किसानों ने भी भाग लिया।

इस बीच, धरना स्थगित कर दिया गया है, क्योंकि पीड़ित परिवार 31 मार्च को मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि अगर बैठक में न्याय नहीं मिला तो वे फिर से यहां धरना शुरू करेंगे।उल्लेखनीय है कि कर्नल बाठ और उनके बेटे अंगद सिंह की 13 मार्च की रात को उस समय पिटाई कर दी गई थी, जब वे एक ढाबे के बाहर अपनी कार के पीछे मैगी खा रहे थे।

इसके बाद परिवार ने मारपीट करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें सस्पेंड करने व पटियाला से बाहर तबादला करने, पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाने व एसएसपी डा. नानक सिंह का तबादला करने समेत मामले की सीबीआई जांच की मांग की।

परिवार ने शनिवार से डीसी कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। आज धरने के तीसरे दिन पूर्व सैनिक भी बड़ी संख्या में धरना स्थल पर पहुंचे। इसके अलावा आज बड़ी संख्या में किसानों ने भी भाग लिया। इस बीच, हालांकि बाकी मांगें मान ली गईं, लेकिन एसएसपी के तबादले और सीबीआई जांच की मांग अभी भी बनी हुई है। हालांकि, आरोपियों की गिरफ्तारी की भी मांग की जा रही है।

मामले की जांच कर रही पंजाब सरकार

उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एडीजीपी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की है और तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा नगर निगम आयुक्त आईएएस अधिकारी को इन पुलिसकर्मियों की विभागीय जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।इस बीच शाम को एडीसी ईशा सिंघल मंच पर आईं और मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात का पत्र सौंपा। इसमें पीड़ितों की दोनों मांगों पर चर्चा के लिए 31 मार्च को दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री के साथ उनके आवास पर बैठक आयोजित करने का आश्वासन दिया गया।

इसके बाद जसविंदर कौर बाठ ने धरना स्थगित करने की घोषणा की। इस बीच, बीबी बाथ ने हाल ही में विरोध प्रदर्शन के दौरान मीडिया के साथ किए गए दुर्व्यवहार के लिए भी माफी मांगी। इस विरोध प्रदर्शन में जसविंदर कौर बाठ, गुरतेज सिंह ढिल्लों, पूर्व सैनिक क्रांतिकारी यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष परगट सिंह ढींडसा, डीएमएफ के प्रांतीय नेता राज कुमार कांसूहा, ग्रामीण मजदूर सभा के नेता गुरमीत कालाझाड़, बीकेयू उगराहां के नेता मनजीत घराचों, रतन सिंह आदि शामिल हुए।