इस्लामाबाद, 20 मई : पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के निर्णय ने पाकिस्तान में चिंता की लहर पैदा कर दी है। पाकिस्तान अब इस संधि के निलंबन से होने वाले संभावित आर्थिक नुकसान का गहन आकलन कर रहा है। इसके साथ ही, वह अपने सहयोगी चीन के साथ मिलकर इस मुद्दे पर भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर घेरने की योजना भी बना रहा है।
पाकिस्तान को यह भली-भांति समझ में आ रहा है कि यदि भारत अपने रणबीर नहर परियोजना का विस्तार जारी रखता है, तो इससे उसे गंभीर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस नहर परियोजना के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को लगभग 10 अरब डॉलर का झटका लग सकता है, जो उसकी आर्थिक स्थिति को अत्यंत कमजोर कर देगा।
रणबीर नहर का पाकिस्तान पर असर
जियो न्यूज से बात करते हुए पाकिस्तान के जल विशेषज्ञ इंजीनियर अरशद एच अब्बासी ने कहा कि भारत द्वारा रणबीर नहर में प्रस्तावित विस्तार से पाकिस्तान को चेनाब से मिलने वाली पानी की आपूर्ति में लगभग 20त्न की कमी आएगी। अब्बासी जल विशेषज्ञ हैं, जो जल मुद्दों पर भारत के साथ ट्रैक-2 कूटनीति का हिस्सा रहे हैं।
मात्रात्मक शब्दों में, इसका अर्थ है कि सालाना पांच मिलियन एकड़ फीट (एम.ए.एफ) से अधिक पानी की हानि होगी – वैश्विक बाजार में इस पानी की अनुमानित कीमत 10 बिलियन डॉलर है। यह देश के कृषि प्रधान राज्य पंजाब के लिए एक विनाशकारी झटका होगा।
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