July 8, 2025

सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी खोल रही सरकार की पोल

सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की...

कलानौर, 23 मई : पंजाब में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने शिक्षा क्रांति के तहत पंजाब के सरकारी स्कूलों में 20 हजार अध्यापकों की भर्ती की है, लेकिन इसके बावजूद भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित सीमावर्ती जिला गुरदासपुर के कई सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में प्रिंसिपलों के पद खाली पड़े हैं और इसके अलावा लेक्चररों की भी भारी कमी है।

इन इलाकों में स्टाफ की कमी

प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय सीमा से सटे कलानौर, डेरा बाबा नानक, दोरांगला व दीनानगर ब्लाकों के सीमावर्ती क्षेत्रों के सीनियर सेकेंडरी स्कूल रोसा में प्रिंसिपल का पद रिक्त है, जबकि लेक्चरर के पद रिक्त होने के कारण हाई स्कूल के अध्यापक ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं। इसके अलावा सरकारी सीनियर सेकेंडरी दोस्तपुर, कलानौर, सोहन, भांदल, देहर फत्तूपुर, शाहपुर गोराया, भगताना तुलियां, हरदोछन्नियां, गहलरी, झरोली, छीना बेट, दरदाबाद, ध्यानपुर, शाहपुर जाजन, लाले नंगल, कोटली सूरत मल्ही आदि सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में प्रिंसिपल के पदों के अलावा लेक्चरर के पद भी खाली पड़े हैं।

प्रिंसीपल और अध्यापकों की कमी पूरी करे सरकार

इस अवसर पर गांव रोसे के पूर्व सरपंच प्रभशरण सिंह रोसे, रछपाल सिंह, बावा सिंह ने कहा कि अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान शिक्षा मंत्री सिकंदर सिंह मलूका के कार्यकाल में ग्राम पंचायत रोसे ने गांव के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल को अपग्रेड किया था। प्रभशरण सिंह ने बताया कि पुराने समय में रोसे से बटाला तक बस सेवा होने के कारण गांव के युवा लडक़े-लड़कियां कलानौर, बटाला व गुरदासपुर में पढऩे के लिए जाते थे, लेकिन कई वर्ष पहले यह बस बंद कर दी गई।

उन्होंने मांग की कि स्कूल में प्रधानाचार्यों और अध्यापकों की कमी को पूरा किया जाए। इस अवसर पर सीमावर्ती गांवों के पूर्व सरपंच गुरदयाल सिंह लाडी, जगीर सिंह, बलविंदर सिंह, जगमोहन सिंह, बलदेव सिंह, सुखदेव सिंह, हरदेव आदि ने कहा कि समय-समय पर होने वाले युद्धों तथा रावी नदी के विनाश के कारण सीमावर्ती क्षेत्र के लोग पहले ही आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके हैं।

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