July 8, 2025

बुर्किना फासो में अलकायदा ने एक दिन में 100 लोगों की हत्या की

बुर्किना फासो में अलकायदा ने...

बुर्किना फासो : बुर्किना फासो में हुए भीषण आतंकी हमले में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इस हमले ने संकटग्रस्त देश में एक बार फिर डर का माहौल पैदा कर दिया है। मारे गए लोगों में अधिकांश सैनिक, कुछ स्थानीय नागरिक और एक सहायता कार्यकर्ता शामिल थे। अल-कायदा से जुड़े समूह जमात नस्र अल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन (जेएनआईएम) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। यह समूह अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में एक कुख्यात संगठन है। 

यह हमला रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर जिबो और निकटवर्ती सैन्य ठिकानों पर किया गया। जिबोन लंबे समय से आतंक से घिरा हुआ है और चरमपंथी समूह यहां हमले करते रहते हैं। इस घटना ने देश में पहले से ही बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को और खराब कर दिया है तथा जनता में भय का माहौल पैदा कर दिया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमला सुबह करीब छह बजे कई स्थानों पर एक साथ शुरू हुआ।

सेना के साथ घंटों चली लड़ाई

रिपोर्टों के अनुसार, हमलावरों ने बुर्किना फासो वायु सेना को जवाबी कार्रवाई का मौका नहीं दिया। क्षेत्र के एक सहायता कार्यकर्ता चार्ली वेर्ब ने बताया कि हमलावरों ने जीबोन में विशेष आतंकवाद-रोधी इकाई के शिविर पर हमला करने से पहले शहर के सभी प्रवेश मार्गों पर कब्जा कर लिया था। सौफान सेंटर के वरिष्ठ शोधकर्ता वसीम नासेर ने कहा कि यह हमला इस बात का संकेत है कि जेएनआईएम अब बुर्किना फासो में कहीं भी आसानी और स्वतंत्रता के साथ आतंक फैला सकता है।

सैन्य रणनीति पर उठे सवाल

बुर्किना फासो पर वर्तमान में इब्राहिम ट्रोरे के नेतृत्व में एक सैन्य शासन है। देश में सुरक्षा की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि देश का लगभग आधा हिस्सा अब सरकार के नियंत्रण में नहीं है। जिसके बाद सैन्य रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं, जिससे जनता का विश्वास जुंटा सरकार पर कम हो सकता है।

इब्राहिम ट्रोरे के शासन के तहत बुर्किना

तख्तापलट के बाद से बुर्किना फासो के राष्ट्रपति के रूप में शासन कर रहे 36 वर्षीय जनरल इब्राहिम ट्रोरे ने अपने शासन के दौरान देश में कई बदलाव लाए हैं। इब्राहीम ने देश को फ्रांस और अमेरिका के प्रभाव से मुक्त कराकर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया है, लेकिन देश में स्थापित आतंकवादी समूह उनके मिशन में बाधा डाल रहे हैं।